खबर मन्त्र संवाददाता
रांची। झारखंड में बिजली की नयी दर लागू हो गयी। 1 जून 2023 से बिजली की नयी दर के तहत उपभोक्ताओं को बिजली बिल का भुगतान करना होगा। झारखंड विद्युत नियामक आयोग ने 6.50 फीसदी टैरिफ वृद्धि को मंजूरी दे दी है। जबकि, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) की ओर से दिये प्रस्ताव में 20 फीसदी वृद्धि की मांग की गयी थी। बिजली की नयी दर में 5 से 15 पैसे प्रति यूनिट की हुई बढ़ोतरी हुई है।
झारखंड विद्युत नियामक आयोग ने गुरुवार को राज्य में नयी बिजली दरों का एलान किया। आयोग के कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में आयोग के अध्यक्ष अमिताभ गुप्ता ने नयी दरों की घोषणा की। इसके तहत अब ग्रामीण इलाकों में घरेलू बिजली की दर 5.80 रुपये प्रति यूनिट होगी। जबकि, शहरी क्षेत्र में घरेलू बिजली चार्ज की दर 6.30 रुपये प्रति यूनिट होगी। इसी प्रकार, घरेलू एचटी की दर 6.15 रुपये निर्धारित की गयी है। नयी टैरिफ झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के उपभोक्ताओं के लिए मान्य है। जेबीवीएनएल ने इस संबंध में आयोग को टैरिफ पीटिशन सौंपा था। इसमें घाटे को दर्शाते हुए दर बढ़ाने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था।
2019 की दरें
घरेलू ग्रामीण उपभोक्ताओं से 5.72 रुपये लिये जाते हैं। घरेलू शहरी उपभोक्ता से 6.25 प्रति यूनिट, घरेलू एचटी से 6.25 रुपये, कॉमर्शियल ग्रामीण से छह रुपये प्रति यूनिट, कॉमर्शियल शहरी से 6.25 रुपये प्रति यूनिट, कृषि कार्यों के लिए 5 रुपये प्रति यूनिट, एलटीआइएसएस से 5.75 प्रति केवीएच और एचटीआइएस 5.50 प्रति केवीएच लिया जाता रहा है। अब इन दरों में बदलाव होगा। वहीं, उपभोक्ताओं को 100-200 यूनिट उपभोग पर सब्सिडी प्रति यूनिट 2.75 रुपये और 201- 400 यूनिट पर सब्सिडी प्रति यूनिट 2.05 रुपये मिल रही है।
तीन साल बाद बढ़ी बिजली दरें
पिछले तीन साल से राज्य में बिजली की दरें घोषित नहीं की गयी थीं। वर्ष 2020 में कोविड महामारी को देखते हुए आयोग ने बिजली दर में बढ़ोतरी नहीं करने का निर्णय लिया। ऐसे में वर्ष 2019 का दर अब तक मान्य है। वहीं, वर्ष 2020 के बाद से नियामक आयोग में अध्यक्ष और सदस्य पद खाली हो गया, जिससे बिजली दर निर्धारण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी।
200 पन्नों में आयोग ने दिया है फैसला :
लंबी सुनवाई के बाद करीब 200 पन्नों में आयोग द्वारा दिये गये निर्णय में झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड को कई तरह के सुझाव भी दिये गये हैं। आयोग का यह निर्णय जेबीवीएनएल द्वारा 2019-20, 2020-21 और 2021-22 में दिये गये प्रस्ताव पर सुनवाई के बाद आया है। झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता, सदस्य अतुल कुमार और महेंद्र प्रसाद ने संयुक्त रूप से इसकी घोषणा करते हुए कहा कि आयोग 2022-23 और 2023-24 के प्रस्ताव को संयुक्त रूप से सुनवाई के बाद आगे का निर्णय लेगा।
निगम ने बताया नुकसान का आंकड़ा
जेबीवीएनएल की ओर से दिये प्रस्ताव में 20 फीसदी वृद्धि की मांग की गयी थी। प्रस्ताव में बिजली वितरण निगम ने बताया है कि निगम सालाना 7400 करोड़ रुपये के नुकसान में है। वर्ष 2020 में ये घाटा 2200 करोड़ रुपये था। वर्ष 2021 में 2600 करोड़ और वर्ष 2022 में 2500 करोड़ रुपये का घाटा बताया गया है। हालांकि, जनसुनवाई के दौरान लोगों ने निगम के दावों को झूठ बताया। साथ ही, बिजली दरों में वृद्धि नहीं करने की अपील की गयी।
200 पन्नों में आयोग ने दिया है फैसला : लंबी सुनवाई के बाद करीब 200 पन्नों में आयोग द्वारा दिये गये निर्णय में झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड को कई तरह के सुझाव भी दिये गये हैं। आयोग का यह निर्णय जेबीवीएनएल द्वारा 2019-20, 2020-21 और 2021-22 में दिये गये प्रस्ताव पर सुनवाई के बाद आया है। झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता, सदस्य अतुल कुमार और महेंद्र प्रसाद ने संयुक्त रूप से इसकी घोषणा करते हुए कहा कि आयोग 2022-23 और 2023-24 के प्रस्ताव को संयुक्त रूप से सुनवाई के बाद आगे का निर्णय लेगा।