चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (बादल) के पूर्व अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल आज सुबह बाल-बाल बच गए। अमृतसर में दरबार साहिब के बाहर धार्मिक सजा भुगत रहे सुखबीर बादल पर गोली चलाने वाले व्यक्ति(नारायण सिंह) को सेवादारों ने दबोच लिया। इस घटना से दरबार साहिब में अफरा-तफरी मच गई।
इसके बाद अमृतसर में दरबार साहिब की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने दो दिसंबर को सुखबीर समेत पूर्व अकाली मंत्रियों को धार्मिक सजा सुनाई थी। आज सुखबीर बादल व्हील चेयर पर सेवादार का चोला पहनकर, हाथ मे बरछा लेकर दरबार साहिब के मुख्य दरबार के बाहर दरबान बनकर बैठे थे।
इसी दौरान संगत के साथ दल खालसा के नारायण सिंह चौड़ा पहुंचे। उन्होंने रिवाल्वर निकाली और सुखबीर की तरफ तान दी। यह देख अन्य सेवादार चौड़ा की तरफ लपके। इस क्रम में गोली चल गई। सुखबीर के सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें अपने घेरे में ले लिया। अमृतसर के एडीसीपी हरपाल सिंह के अनुसार आरोपी दल खालसा से संबंधित बताया जा रहा है। पुलिस को पहले से इस तरह की घटना का अंदेशा था। संदिग्धों की सूची में आरोपित का नाम भी था। उसे पकड़ लिया गया है और पूछताछ जारी है।
इस घटना पर पूर्वमंत्री एवं अकाली दल प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि मैं सच्चे पादशाह का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने अपने सेवक (सुखबीर सिंह बादल) के सिर पर हाथ रख दिया और वे बच गए। उन्होंने कहा कि यह निंदनीय है। दरबार साहिब के बाहर एक सेवक पर हमला होना गलत है। मुख्यमंत्री मान को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
कौन है नारायण सिंह?
सूत्रों के मुताबिक, हमलावर नारायण सिंह चौरा बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) का आतंकवादी रहा है।नारायण चौरा 1984 में पाकिस्तान गया था और आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में मददगार रहा है। पाकिस्तान में रहते हुए उसने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी है। वो बुड़ैल जेलब्रेक मामले में भी आरोपी है।नारायण इससे पहले पंजाब की जेल में सजा काट चुका है।