रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो की सजा एक साल कम कर दी है। इसके बाद वह अगला चुनाव लड़ सकेंगे। सिविल कोर्ट से एक आपराधिक मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद वह चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए थे, लेकिन मंगलवार को उन्हें बड़ी राहत मिली है।
दरअसल, साल 2006 में सोनाहातू में सीओ कार्यालय का घेराव किया गया था। इसमें पूर्व विधायक अमित महतो भी अपने लोगों के साथ मौजूद थे। उसी दौरान तत्कालीन सीओ आलोक कुमार घायल हो गये थे। फिर इसे लेकर सोनाहातू थाना में अधिकारी संग मारपीट और सरकारी काम में बाधा का मामला दर्ज कराया गया था। इसमें सिविल कोर्ट ने अमित महतो को दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी विधान सभा की सदस्यता चली गई थी।
सजा सुनाए जाने के बाद पूर्व विधायक ने सिविल कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर सुनवाई में कोर्ट ने माना कि निचली अदालत से दी गई अधिकतम सजा की कोई मुख्य वजह नहीं थी, जिसके बाद हाई कोर्ट ने उनकी सजा एक साल कम कर दी।
अमित महतो की ओर से हाई कोर्ट के अधिवक्ता जयशंकर तिवारी ने पक्ष रखा। इसके साथ ही अदालत ने सिल्ली के तत्कालीन अंचल अधिकारी आलोक कुमार की याचिका भी खारिज कर दी। आलोक कुमार ने पूर्व विधायक अमित महतो को निचली अदालत से मिली सजा को बढ़ाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।