रांची। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि दिव्यांगजन के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित हैं, जरूरत है लोगों को इन योजनाओं के प्रति जागरूक कर उन्हें लाभान्वित करने की। राज्यपाल गुरुवार को रांची के हरमू मैदान में आयोजित ‘दिव्य कला मेला’ के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि हर्ष का विषय है कि झारखंड की इस पावन धरती पर ‘दिव्य कला मेला’ का आयोजन हो रहा है। यह मेला न केवल कला और शिल्प का उत्सव तथा सांस्कृतिक आयोजन है, बल्कि हमारे दिव्यांगजनों की अद्वितीय प्रतिभा, आत्मविश्वास एवं साहस का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि यह मेला दिव्यांगजन के सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
राज्यपाल ने ‘दिव्य कला मेला’ के आयोजन के लिए डॉ. वीरेन्द्र कुमार, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में आयोजित इस मेला के माध्यम से हमारे देश के दिव्यांगजन को एक ऐसा मंच प्रदान किया जा रहा है, जहाँ वे अपनी कला, शिल्प और उद्यमिता का न केवल प्रदर्शन कर रहे हैं, बल्कि अपनी प्रतिभा से अन्य दिव्यांगजन के लिए प्रेरणा का कार्य भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में यह 18वां मेला है। इन मेलों के माध्यम से दिव्यांगजन अपने उत्पादों को न केवल देश भर में प्रदर्शित कर सकते हैं, बल्कि उन्हें वैश्विक बाजारों तक भी पहुंचा सकते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जरिये विकलांग शब्द के बदले दिव्यांग जैसे सम्मानजनक शब्द को अपनाया गया। प्रधानमंत्री के जरिये दिव्यांगजन के उत्थान के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा गया कि दिव्यांगजन में किसी भी प्रकार की प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। वे समाज के हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहे हैं, चाहे वह कला हो, शिक्षा हो, खेल हो या उद्यमिता। उन्होंने कहा कि कल से पेरिस में पैरालंपिक आरंभ हुआ है। पूर्ण विश्वास है कि हमारे खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का पूरा परिचय देते हुए देश के लिए अधिक-से-अधिक पदक हासिल करेंगे। विगत पैरालंपिक में भी हमारे देश के खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर देश का नाम रौशन किया था।