गुमला । घाघरा थाना क्षेत्रांतर्गत खाली पड़ी परित्यक्त सतकोना पिकेट में सेरेंगदाग माइंस क्षेत्र के भैंसबथान माइंस में खनन कार्य में लगी सात गाड़ियों को प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के रविंद्र गंझू और उसके दस्ता सदस्यों ने आग लगा दी थी।
इस संबंध में गुमला के पुलिस अधीक्षक हरविंदर सिंह ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि अनुसंधान व पूछताछ के क्रम में सुनील उरांव का नाम नक्सल समर्थकों की सूची में भी है,के कांड में संलिप्तता की बात प्रकाश में आई। सुनील उरांव को थाना पर लाकर पुछताछ करने पर उसके द्वारा पिकेट में लगने वाली गाड़ियों की रेकी करने की बात स्वीकार की गई।
साथ ही रेकी करने में अपने एक सहयोगी जयनाथ खेरवार की संलिप्तता की बात बताई गई। जयनाथ खेरवार एक आपराधिक प्रवृति का व्यक्ति है और उसके विरूद्ध लोहरदगा जिला अंतर्गत अपहरण व लूट जैसे गंभीर कांड दर्ज है। वर्तमान में वह एक अपहरण कांड में फरार चल रहा था। तकनीकी अनुसंधान करते हुए जयनाथ खेरवार को नगड़ी रांची के पास से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में इसके द्वारा भी गाड़ियों की रेकी करने की बात स्वीकार की गई।
एसपी ने बताया कि जयनाथ खेरवार की मां एमटू कंपनी में खाना बनाने का काम करती है। कंपनी के द्वारा करीब 2 लाख रू. का भुगताननन काफी दिनों से जयनाथ की मां को नहीं किया जा रहा था। खाली पड़े पुराने सतकोनवा पिकेट में एमटू की गाड़ियां भी लगती थी। सुनील उरांव के सहयोग से जयनाथ खेरवार द्वारा रविन्द्र गंझु एवं उसके दस्ता के माध्यम से षड़यंत्र के तहत इस घटना को अंजाम दिलवाया गया। दोनों ने घटना की बात स्वीकार की है। घटना में रेकी में प्रयुक्त यामहा मो स्कूटी को बरामद किया गया है। प्रेस वार्ता के बाद दोनो अभियुक्तों को गुमला जेल भेज दिया गया।