अलवर। जिले का बहुचर्चित रकबर खान मॉब लिंचिंग मामले में गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। इसमें चार आरोपितों को दोषी मानते हुए कोर्ट ने सात साल के कारावास की सजा और दस हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है। हालांकि पांचवें आरोपित को संदेह का लाभ देते हुए कोर्ट ने बरी कर दिया।
विशेष लोक अभियोजक अशोक कुमार ने बताया कि 2018 में राजस्थान के अलवर जिले रामगढ़ के ललावंडी गांव में कोलगाव निवासी रकबर खान की गौ तस्करी के संदेह में पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। प्रकरण में पुलिस ने एक स्थानीय विश्व हिंदू परिषद के नेता नवल किशोर शर्मा सहित परमजीत सिंह, धर्मेंद यादव, नरेश और विजय को मामले में गिरफ्तार किया। मामले में कोर्ट ने नवल शर्मा को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया जबकि अन्य चारों आरोपितों को आईपीसी की धारा 304 ए और 341 में दोषी मानते हुए सात-सात साल के कारावास व 10-10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।
यह था मामला
सन 2018 में असलम और रकबर गायों को लेकर भरतपुर जिले में अपने गांव जा रहे थे। इसी दौरान अलवर में कथित तौर पर भीड़ ने गोतस्कर मानते हुए पीट-पीटकर मार डाला था। हालांकि इस दौरान असलम किसी तरह से अपनी जान छुड़ाकर भाग गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल रकबर और गायों को रामगढ़ थाने ले गई। घायल रकबर को रामगढ़ अस्पताल भेजा। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया था।
नवल किशोर बोले- न्यायपालिका पर भरोसा
बरी हुए नवल किशोर ने बताया कि उसे न्याय पालिका पर भरोसा था। उसने कहा कि बाकी चार बच्चे भी निर्दोष हैं। उन्हें सुनाई गई सजा के लिए वह हाईकोर्ट में अपील करेंगे।