नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की मंगलवार को 50वीं बैठक में गैर-भाजपा शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) से सूचना साझा करने के केंद्र के फैसले पर चिंता जताई है। दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित बैठक के दौरान गैर-भाजपा शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष यह मुद्दा उठाया।
दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेस में कहा कि कई वित्त मंत्रियों ने यह मुद्दा उठाया। दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और राजस्थान ने चिंता जताते हुए कहा है कि इस पर जीएसटी परिषद में चर्चा होनी चाहिए। आतिशी ने कहा कि सरकार ने जीएसटीएन को धन शोधन रोधक अधिनियम के तहत लाया है। इसका मतलब यह होगा कि चाहे आप छोटे या बड़े व्यवसाय में हैं, यदि आप जीएसटी के तहत पंजीकृत हैं, तो आप पर रिटर्न दाखिल करने में देरी जैसे अपराधों के लिए ईडी मुकदमा चला सकता है। पंजाब सरकार के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इसे ‘कर आतंकवाद’ बताते हुए कहा कि इससे छोटे कारोबारी डरे हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय ने हाल ही में एक अधिसूचना के माध्यम से धन शोधन रोधक अधिनियम 2022 में संशोधन किया है। इसके तहत जीएसटी की प्रौद्योगिकी इकाई संभालने वाली जीएसटीएन को उन इकाइयों में शामिल किया गया है, जिनके साथ ईडी सूचना साझा कर सकता है।