धनबाद। एक ओर जहां झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन धनबाद की धरती से सूबे को सौगात देते हुए 133 योजनाओं का शिलान्यास और 84 का उद्घाटन कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर धनबाद की ही धरती पर सरकार से क्षुब्ध लोग हेमंत है तो दिक्कत है, हेमंत हटाओ झारखण्ड बचाओ का नारा लगाते हुए सामुहिक रूप से सिर मुंडवा रहे थें।
दरअसल झमाडा में नौकरी के दौरान मृत्यु को प्राप्त हो चुके कर्मचारियों के आश्रित अनुकंपा के आधार पर नौकरी की मांग को लेकर झमाडा के नजदीक पिछले 951 दिनों से लगातार धरना पर बैठे है। आज इसी कड़ी में धरना दे रहे आश्रितों ने सार्वजनिक मुंडन कराया एवं हेमंत है तो दिक्क़त है, हेमंत हटाओ झारखण्ड बचाओ के नारे भी लगाए।
इस दौरान आंदोलनकारी मो. अजूरुद्दीन आलम ने कहा कि हम सब झामाडा धनबाद के मृत कर्मचारियों के आश्रित परिवार से है, जो पिछले 951 दिनों से कार्यलय के मुख्य द्वार के सामने धरना पर बैठे हुए हैं। यदि सरकार और प्रबंध निदेशक ने अब भी अनुकंपा बहाली के प्रति कोई तत्परता नहीं दिखाई तो सात अक्टूबर को झमाडा के प्रबंध निदेशक और मुख्यमंत्री का श्राद कर्म करके विरोध और उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।