मुरैना। मुरैना के सिहोनिया थाना क्षेत्र के लेपा गांव मे एक साथ 6 लोगों की गोली मारकर हत्या को अंजाम अवैध हथियारों से दिया गया था, क्योंकि हमलावरों के नाम से कोई शस्त्र लाइसेंस ही नहीं है। गांव मे चर्चा यह भी है कि हथियार तो इनके पास कई दिन से थे, लेकिन हत्यारे पुलिस के मददगार थे! इसलिए उनसे यह बात पूछने की किसी की हिमाकत नहीं थी। पुलिस गांव आती तो इनके घर ही ठहरती थी। गांव या आस-पास की हर छोटी-बड़ी बात यह पुलिस से शेयर करते थे।
शुक्रवार की सुबह लेपा गांव मे धीर सिंह तोमर सहित 9 हमलावरों ने गोलीबारी करके 3 महिलाओं सहित 6 लोगों की जान ले ली थी।
कई सालों से बुना जा रहा था हत्या का ताना-बाना
हत्याकांड के बाद अब लोगों को समझ में आने लगा कि इस हत्याओं का ताना-बाना तो कई सालों से बुना जा रहा था। 10 साल पहले जब सोवरन और वीरभान की हत्या हुई तो धीर सिंह तोमर पुलिस के काफी करीब आ गया। वह पुलिस का मददगार बन गया। या कहे कि वह पुलिस का मुखबिर बन गया था। वह समझ गया था कि अपने इरादे में कामयाब होना है तो पुलिस का मददगार बनना होगा। इसीलिए वह गांव या आस-पास की हर छोटी-बडी बात पुलिस को बताया करता था। पुलिस भी उसका पूरा सहयोग करती थी, क्योंकि वह पुलिस की मदद कर रहा था। अपनी योजना के मुताबिक धीर सिंह ने मृतक सोवरन के बेटे अजीत और मृतक वीरभान के बेटे भूपेन्द्र को नगर रक्षा समिति में शामिल करा दिया। इस परिवार ने पुलिस पर इतना विश्वास जमा लिया कि उन्हें कभी सोचने भी नहीं दिया कि वह इतना बड़ा कांड कर सकते हैं। इसी विश्वास के बल पर भूपेन्द्र अनाधिकृत रूप से पुलिस की गाडी भी चलाने लगा था।
रज्जो की जिद पर हुआ हत्याकांड!
गांव मे चर्चा है कि यह हत्याकांड रज्जो की जिद पर हुआ! क्योंकि 10 साल पहले रज्जो के पति सोवरन की हत्या कर दी गई थी। तभी उसने ठान लिया था कि इसका बदला लेकर रहेगी। वह और उसके परिवार के लोग योजना बनाते रहे और मौके के इंतजार में थे। जब हमलावर एक-एक करके गोली मार रहे थे तो रज्जो उनके बगल में निर्भीक खड़े होकर कारतूस दे रही थी। बदले की भावना इतनी जयादा थी कि उन्होंने महिलाओं को भी नहीं बख्शा।
हत्यारों ने 6 नहीं बल्कि 7 हत्याओं को अंजाम दिया!
हत्यारों ने 6 नहीं बल्कि 7 लोगों की हत्याओं को अंजाम दिया! मृतक के परिजनों ने बताया कि इस हत्याकांड में 30 साल की मधु पत्नी सुनील सिंह तोमर की जान गई, वह गर्भवती थी। उसके पेट में बच्चा पल रहा था। उसके दुनिया में आने से पहले ही हत्यारों ने उसकी भी जान ले ली।
अब तक 2 पकड़े गए 7 की तलाश में पुलिस टीम जुटी
इस हत्याकांड मे सिहोनिया थाने मे सुनील तोमर की शिकायत पर भूपेन्द्र, अजीत, सोनू वीरभान तोमर, श्यामू, मोनू, रामू, गौरव, रज्जो और धीर सिंह तोमर के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं के तहत एफआईआर हुई थी। जिसमे पुलिस ने धीर सिंह तोमर और रज्जो को पकड़ लिया। अभी 7 आरोपी बचे हैं। पुलिस को मालूम चला कि आरोपी भिंड जिले मे जाकर छिपे हुए है। पुलिस की दो टीमों ने वहां दबिश दी लेकिन वह मिले नहीं। जंगल की तरफ भाग निकले।
हत्यारे हाजिर नहीं हुए तो उनके घरों पर चलेगा बुलडोजर
मृतक के परिजन रंजीत सिंह ने बताया कि एसपी से बात हुई। उन्होंने कहा कि अगर तीन दिन के अंदर आरोपी हाजिर नहीं हुए तो उनके घरों पर बुलडोजर चलेगा। यही नहीं उन सभी आरोपियों पर ईनाम भी घोषित किया जाएगा। साथ ही आश्वासन दिया कि मृतक के चारों घरों पर सुरक्षा गार्ड लगा दिया जाएगा। प्रशासन तो अपनी तरफ से मदद करेगा इसलिए अलावा मुख्यमंत्री की निधि से पांच-पांच लाख रुपये दिलाए जाने के प्रयास किए जाएंगे।