कोडरमा। महिला थाना कांड संख्या 02/2019, एवं एसटी-117/2019 की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय अजय कुमार सिंह की अदालत ने शनिवार को कांड के अभियुक्त सुभाष पासवान पिता स्व. श्यामलाल पासवान ग्राम काको, जयनगर, तिलैया डैम ओपी जिला कोडरमा निवासी को 376 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई, साथ ही 20 हजार रूपये जुर्माना भी लगाया, जुर्माना की राशि नहीं देने पर अभियुक्त को एक वर्ष अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी। बताते चलें कि अदालत ने बुधवार 17 मई को दोषी ठहराया था तथा सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 मई शनिवार मुकर्रर की थी। वहीं अभियोजन का संचालन लोक अभियोजक पीपी पीके मंडल ने किया।
इस दौरान सभी 7 गवाहों का परीक्षण कराया गया। वहीं लोक अभियोजक पीके मंडल ने कार्रवाई के दौरान न्यायालय से अभियुक्त को अधिक से अधिक सजा देने का आग्रह किया। वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनवर हुसैन ने दलीलें पेश करते हुए बचाव किया। अदालत ने सभी गवाहों और साक्ष्यों का अवलोकन करने के उपरांत अभियुक्त को दोषी पाते हुए सजा मुकर्रर की और जुर्माना लगाया।
क्या है मामला
तिलैया के एक निजी क्लीनिक में नर्स का काम करने वाली अनाथ आदिवासी युवती ने थाना में आवेदन देकर कहा था कि सुभाष पासवान ने हमें विवाह का झांसा देकर लगातार यौन शोषण करता रहा। 7 दिसम्बर 2018 को जनशताब्दी एक्सप्रेस से पटना ले गया और वहां एक होटल में रात्रि में ले जाकर ठहरा और रात भर मेरा यौन शोषण किया। जब मैंने तिलैया आकर इसका विरोध किया तो वह बोला कि मैं तुमसे शादी कर लूंगा, इसे किसी को बताओ नहीं ना ही थाना जाओ। इस प्रकार वह मेरे साथ लगातार शारीरिक संबंध बनाता रहा। एक दिन मुझे जानकारी मिली की सुभाष की शादी तय हो गई है तो मैं उसके गांव पहुंची, जहां मेरे साथ बदसलूकी की गई, तब मैंने थाना में आवेदन देकर मामला दर्ज कराया।