कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज दुष्कर्म और हत्या मामले में आरोपित सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को सियालदह की अदालत ने दोषी ठहराया है। यह फैसला घटना के 162 दिनों बाद आया है। शनिवार को जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय को दोषी करार दिया। सजा का ऐलान सोमवार को किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल 9 अगस्त को आर जी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर से रहस्यमय परिस्थितियों में युवा महिला डॉक्टर का शव बरामद हुआ था। इस घटना ने राज्य भर के लोगों को झकझोर कर रख दिया। इसके अगले ही दिन सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया। 13 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में संजय की संलिप्तता बताते हुए कहा कि उसने अकेले इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया।
खुद को बचाने की कोशिश करती रही थी पीड़िता
सीबीआई ने दावा किया कि पीड़िता ने रेप और उसे जान से मारने के समय खुद को बचाने के लिए काफी देर तक संघर्ष किया था। इसी में उसने संजय रॉय के शरीर पर पांच बार घाव किए थे, जो रिपोर्ट में सामने आए हैं। दावा किया गया है कि पीड़िता के शरीर पर लार के स्वाब के नमूने और डीएनए के नमूने संजय रॉय के साथ मेल खाते हैं। CBI के वकील ने इस घटना को अमानवीयता की सीमा को पार करना बताया है।
मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी रिपोर्ट ने भी पुष्टि की कि पीड़िता की मौत हाथ से गला घोंटने के बाद हुई थी। ट्रेनी डॉक्टर ने जब खुद को बचाने की कोशिश की तो उसका चश्मा टूट गया था। पीड़िता के साथ निर्दयता इतनी गंभीर थी कि उसकी आंख, मुंह और गुप्तांगों से लगातार खून बह रहा था। पीड़िता की गर्दन और होठों पर चोट के निशान पाए गए थे।
घटना के विरोध में राज्य के जूनियर डॉक्टरों ने व्यापक स्तर पर लगातार प्रदर्शन किए और राज्य की ममता बनर्जी सरकार को सवालों के कठघरे में खड़ा किया। 14 अगस्त को “रात दखल अभियान” के दौरान आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ और हमले की घटना भी हुई। इसके बाद कोलकाता के तत्कालीन पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग उठी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 14 सितंबर को प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की लेकिन वार्ता विफल रही।
20 सितंबर को जूनियर डॉक्टरों ने सरकार की ओर से मिले आश्वासनों के बाद प्रदर्शन समाप्त किया। 7 अक्टूबर को सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर संजय रॉय को मुख्य आरोपित बनाया। अब कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया है।
दोषी करार दिए जाने के बाद क्या है संजय रॉय का पहला बयान?
कोर्ट में दोषी करार दिए जाने के बाद संजय रॉय ने खुद को निर्दोष बताया है। उसने दावा किया कि उसे फंसाया जा रहा है। कोर्ट से बाहर ले जाते समय रॉय ने कहा कि एक आईपीएस अधिकारी सब कुछ जानता है। उन्होंने कहा: मैंने यह अपराध नहीं किया। जिन्होंने किया है, उन्हें क्यों छोड़ा जा रहा है? मैं हमेशा अपनी गर्दन में रुद्राक्ष की माला पहनता हूं। अगर मैंने अपराध किया होता तो मेरी माला अपराध स्थल पर टूट जाती। मैं यह अपराध नहीं कर सकता।
सोमवार को कोर्ट में अपनी बात रखेगा संजय रॉय
संजय रॉय को दोषी करार देने का निर्णय देते हुए जस्टिस दास ने कहा कि संजय रॉय को अपनी बात कहने का अवसर सोमवार को दिया जाएगा। उन्होंने कहा: आप सोमवार को अपनी बात कह सकते हैं। फिलहाल मैं आपको न्यायिक हिरासत में भेज रहा हूं। आपकी सजा सोमवार को दोपहर 12:30 बजे सुनाई जाएगी।
मृतक डॉक्टर के पिता ने क्या कहा
आज सुबह मृतक डॉक्टर के पिता ने कहा कि जो भी सजा उचित होगी, वह अदालत द्वारा तय की जाएगी. उन्होंने बात करते हुए कहा कि वे न्याय मिलने तक अदालत के दरवाजे पर खटखटाते रहेंगे।
“यह केवल एक नहीं, बल्कि डीएनए रिपोर्ट में चार लड़कों और एक लड़की की उपस्थिति दिख रही है। हम तब तक राहत महसूस नहीं करेंगे जब तक आरोपियों को सजा नहीं मिलती। जब तक हमें न्याय नहीं मिलेगा, हम अदालत के दरवाजे खटखटाते रहेंगे और देशवासियों का समर्थन भी लेंगे,” । उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में कुछ नहीं किया है।
“सीबीआई ने इस मामले में कुछ नहीं किया है। यहां संतोष का सवाल नहीं है। हमने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के सामने कई सवाल उठाए हैं। हम अदालत से ही जवाब चाहते हैं, न कि सीबीआई से, लेकिन अदालत ने इस जिम्मेदारी को सीबीआई को सौंप दिया”।
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