कोडरमा। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम गुलाम हैदर की अदालत ने फिरौती के लिए अपहरण कर हत्या करने के मामले की एसटी 01/15 की सुनवाई करते हुए आरोपी बिहार रजौली निवासी पंकज कुमार सिंह पिता कृष्णदेव सिंह को 364ए आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही आरोपी पर 30 हजार का आर्थिक जुर्माना भी लगाया, जुर्माने की राशि नही देने पर 2 वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी।
बतातें चलें कि कोडरमा उधान विभाग में डीप सिंचाई योजना के तहत कार्य कराने वाले वाराणसी उत्तरप्रदेश निवासी रमेश सिंह का फिरौती के लिए फरवरी 2014 में अपहरण कर लिया गया था, बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी, जिसको लेकर मृतक की पत्नी शिला सिंह के द्वारा तिलैया थाना में कांड संख्या 59/14 में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, दर्ज मामले में शिला सिंह ने कहा था कि 2 फरवरी 2014 को कोडरमा के किसानों का फाइल देने के बहाने एक व्यक्ति द्वारा फोन कर मेरे पति को बुलाया गया, उसी रात्रि को मेरे पति का फोन आया, जिसमे उन्होंने रोते हुए कहा कि मैं यहां आकर फंस गया हूँ, किसी तरह से मुझे बचाइए, उसी वक्त किसी ने उनसे फोन लेकर कहा कि डेढ़ करोड़ रुपये लाकर दो नही तो तुम्हारे पति को जान से मार दूंगा, पुलिस को सूचना देने पर पति को जान से मारने की धमकी दिया, तब मैंने कहा कि उतना पैसा मेरे पास नही है, मेरे पास जो गहने है, उसे बेच कर 5 लाख रुपये दे पाऊंगी, वह लोग मान गए और पैसे लेकर रजौली बुलाये, जहां एक युवक को पैसे दे दिया।
अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से लोक अभियोजक शिवशंकर राम ने सभी गवाहों का परीक्षण कराया और न्यायालय से आरोपी को फांसी की सजा की मांग किया, वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता अनवर हुसैन ने दलीलें पेश की, माननीय अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने, अभिलेख पर उपस्थित साक्ष्यों का अवलोकन करने के उपरांत आरोपी पंकज कु सिंह को 364ए आईपीसी में दोषी पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही 30 हजार का आर्थिक जुर्माना लगाया। वहीं 386 आईपीसी में दोषी पाते हुए 9 वर्ष सश्रम कारावास और दस हजार का आर्थिक जुर्माना लगाया, सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।