नयी दिल्ली। राजोरी मुठभेड़ में शहादत को प्राप्त करने वाले सेना के जवान रवि कुमार को गुरुवार सुबह राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। बलिदानी रवि कुमार किश्तवाड़ जिले के कालीगढ़ के वसनौती गांव के रहने वाले थे। बुधवार रात करीब दस बजे उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो हर ओर से चीख पुकार मच गई। जवान रवि की शहाद से पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है। रवि की इसी साल दिसंबर में शादी होनी थी। इसके लिए घर में तैयारियां चल रही थीं।
सेना के ब्रिगेडियर, जिला उपायुक्त देवांश यादव, एसएसपी किश्तवाड़ खलील पोसवाल व अन्य कई अधिकारी उनकी अंतिम विदाई में शामिल हुए। कालीगढ़ से वाहनों के जरिये शमशान घाट हस्ती तक उनके पार्थिव शरीर को ले जाया गया। इस दौरान वाहन को फूल मालाओं के साथ सजाया गया था। शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान हर आंख में गुस्सा और गम देखा गया। लोगों ने भारत मात की जय, शहीद रवि अमर रहे, आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे लगाए।
मुठभेड़ में सेना में राइफलमैन रवि कुमार भी बलिदान हुआ। जबकि सेना की मादा लैब्राडोर केंट ने भी सर्वोच्च बलिदान दिया। बलिदानी राइफल मैन रवि कुमार को स्थानीय सैन्य मुख्यालय में बुधवार को श्रद्धांजलि दी गई। वह किश्तवाड़ के रहने वाले थे। इसके साथ ही मादा लैब्राडोर केंट को भी श्रद्धांजलि दी गई।
22 फरवरी 1997 को जन्मे रवि कुमार 2016 में सेना में भर्ती हुए थे। पिता सुभाष चंद्र ने बताया कि रवि छुट्टी काटकर 28 अगस्त को राजोरी ड्यूटी पर लौटा था। 29 अगस्त को ज्वॉनिंग डाली थी। किसे पता था कि बेटा आखिरी बार छुट्टी पर आया था।