मोतिहारी। जिले में जहरीली शराब के सेवन से अब तक 40 से ज्यादा मौत हो चुकी है।इस बड़ी घटना के बाद बिहार में जारी शराबबंदी कानून को लेकर लोग प्रश्न चिन्ह खड़ा करना शुरू कर दिया है।
इस कांड पर मीडिया रिपोर्ट को आधार मानकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने बिहार सरकार नोटिस भेजा है।लोग इस बात की चर्चा अभी कर ही रहे थे,कि जहरीली कांड के छः दिन बाद प्रोटोकॉल का निर्वहन करने मोतिहारी पहुंचे सूबे के मघ निषेध मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री सुनील कुमार के आगमन प्रस्थान और दावत में शामिल होकर लजीज व्यंजनो का स्वाद लेने को लेकर चर्चा गरम हो गया है।
राजनीतिक हलकों से लेकर चौक चौराहो पर लोग इस बात की ही चर्चा करते नजर आ रहे है,मंत्री जी आखिरकार आये तो पीड़ित परिवारों से मिले क्यूं नहीं ?मंत्री सुनील कुमार का मोतिहारी की संक्षिप्त यात्रा महज सर्किट हाउस के एससी कमरों तक तक ही सीमित क्यों रहा ?क्या मंत्री जी जहरीली शराब कांड के मृतकों से नही बल्कि इफ्तार दावत में शामिल होने आये थे? सुशासन सरकार के एक गंभीर मंत्री इतने संवेदनहीन कैसे हो गये कि उन्हें पीड़ितों से मिलने का दो मिनट का समय नही मिला ?
ऐसे ढेरो सवाल कहा सुना जा रहा है। वही लोग विधायक शालिनी मिश्र द्धारा केसरिया में आयोजित इफ्तार दावत के लिए बने मंच पर खड़े मंत्री जी के फूलों का माला पहने और गदगदाते हुए लजीज पकवानो का स्वाद लेते तस्वीरे भी दिखा रहे है। दूसरी ओर उन तस्वीरों को भी दिखाया जा रहा है,जिसमे रोते बिलखते और भूख से बिलबिलाते उन परिवारों की तस्वीर शामिल है,जो अपने घर का कमाने वाला सदस्य को खो दिया है।
फिलहाल चर्चाओं का बाजार गर्म है,और मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि इस मामले की समीक्षा की गई है और दोषियों को चिन्हित कर स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलाया जाएगा।