बेगूसराय। इंडियन ऑयल के बरौनी रिफाइनरी में बुधवार को दूसरी तिमाही की ऑफसाइट आपदा मॉक ड्रिल का आयोजन जिला प्रशासन के समन्वय से किया गया। आज का ऑफसाइट आपदा ड्रिल एलपीजी माउंडेड बुलेट आइसोलेशन वाल्व में ज्वलनशील गैस के रिसाव के परिदृश्य पर किया गया।
गैस रिसाव की सूचना कॉल मिलने पर दमकल की गाड़ियां एलपीजी के पास घटना स्थल पर पहुंचीं। स्थिति की गंभीरता का आकलन करने के बाद ईआरडीएमपी (आपातकालीन प्रतिक्रिया और आपदा प्रबंधन योजना) को लागू किया गया। पहले प्रयास द्वारा स्थिति नियंत्रित नहीं किए जा सकने पर लेवल-वन (प्रमुख आग) का सायरन 11:09 बजे बजा।
इसके बाद स्थिति में और वृद्धि होने पर ईडी एवं रिफाइनरी प्रमुख के परामर्श के बाद सीआईसी (मुख्य घटना नियंत्रक) द्वारा ऑनसाइट आपदा घोषित की गई तथा लेवल-टू (ऑनसाइट) आपदा सायरन 11:13 बजे बज गया। ईआरडीएमपी के अनुसार आपातकालीन आपदा प्रबंधन टीम तुरंत कार्रवाई में आ गई।
डीएम रोशन कुशवाहा के परामर्श से सीआईसी द्वारा ऑफसाइट डिजास्टर घोषित किया गया तथा लेवल-थ्री (ऑफसाइट डिजास्टर) सायरन 11:30 बजे बजाया गया। बिना किसी जान-माल के नुकसान के स्थिति को आखिरकार नियंत्रण में लाया गया। इसके बाद आपदा परिदृश्य को करीब 12:11 बजे नियंत्रित कर स्थिति का आकलन करने के बाद ‘ऑल क्लियर’ सायरन बजाया गया।
बरौनी रिफाइनरी की आपदा प्रबंधन टीम का नेतृत्व समग्र आपदा समन्वयक ईडी एवं रिफाइनरी प्रमुख आर.के. झा ने किया। रिफाइनरी मुख्यालय की टीम भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ड्रिल के दौरान बरौनी रिफाइनरी से आपातकालीन आपदा प्रबंधन टीम के साथ लगातार परामर्श कर रही थी। रिफाइनरी मुख्यालय की ओर से ईडी (पीएस-पीजे) डी.एस. सहगल, ईडी (एच एस ई) एस.पी. सिंह एवं ईडी (एम एवं आई) कौशिक बासू आदि शामिल थे।
बिहार राज्य कार्यालय, एनटीपीसी बरौनी एवं एचयूआरएल बरौनी के पारस्परिक सहायता भागीदारों के फायर टेंडर ने ड्रिल में भाग लिया।
मॉक ड्रिल का डी-ब्रीफिंग सत्र ऑफिसर क्लब में आयोजित किया गया। इसकी अध्यक्षता ईडी एवं रिफाइनरी प्रमुख आर.के. झा ने की। इसमें बरौनी रिफाइनरी के अधिकारियों और आपदा प्रबंधन सदस्यों ने भाग लिया तथा वास्तविक घटना के मामले में बेहतर नियंत्रण के अनुभवों और कमियों पर विचार-विमर्श किया गया।