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काठमांडू। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने थारूहाट आंदोलन के नेता रेशम लाल चौधरी की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है। हाई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
सिविल लिबर्टीज पार्टी के संरक्षक चौधरी वर्ष 2017 में चुनाव जीतकर सांसद बने थे। नेपाल की संसद में पार्टी के चार सांसद हैं। उनकी पत्नी रंजीता श्रेष्ठ चौधरी प्रचंड सरकार में भूमि प्रबंधन मंत्री हैं।
रेशम चौधरी को 2015 में पश्चिमी नेपाल के कैलाली जिले में टिकापुर दंगों में दोषी ठहराया गया था। उस घटना में सात पुलिस अधिकारियों और एक बच्चे की मौत हो गई थी। चौधरी दंगों में दोषी पाए गए और जेल की सजा काट रहे हैं। अन्य लोगों को भी इस घटना में दोषी पाया गया और जेल की सजा सुनाई थी।