केरल: केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस से यहां दो लोगों की मौत हो गई है। केंद्र सरकार ने कुछ आंकड़े जारी किए हैं, जोकि काफी डराने वाले हैं। आईसीएमआर के डीजी राजीव बहल ने बताया है कि निपाह में संक्रमित लोगों की मृत्यु दर बहुत अधिक (40 से 70 प्रतिशत के बीच) है, जबकि कोविड के मामले में मृत्यु दर 2-3 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि निपाह के प्रकोप को रोकने की कोशिशें जारी हैं। सभी संक्रमित व्यक्ति ‘इंडेक्स पेशेंट (पहला संक्रमित मरीज)’ के संपर्क में आए थे।
इसे पहली बार 1999 में पहचाना गया और यह वायरस अब तक पांच देशों – मलेशिया, सिंगापुर, बांग्लादेश, फिलीपींस और भारत में रिपोर्ट किया गया है। इसकी हिस्ट्री पर नजर डालें तो यह वायरस 2018 के बाद से केरल में चौथी बार सामने आया है।
निपाह क्या है: निपाह एक ज़ूनोटिक वायरस है, जिसका संक्रमण जानवर से इंसानों में होता है। यह दूषित भोजन के माध्यम से या सीधे मनुष्यों के बीच स्राव के में आने से फैल सकता है।
निपाह वायरस के लछण
निपाह वायरस सामान्य वायरल बुखार से सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, मतली जैसे हल्के लक्षणों से शुरू होता है, बीमारी बढ़ने पर यह घातक लक्षणों में बदल सकता है। केरल में निपाह वायरस के प्रकोप के बीच, राज्य इसके प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठा रहा है।
इसे कैसे रोका जा सकता है: स्वास्थ्य विशेषज्ञ कोविड-19 जैसे ही निवारक उपाय सुझाते हैं – मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइज़र का उपयोग. सावधानी से ही इस बीमारी से बचा जा सकता है।