नई दिल्ली। उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर से फंसे सभी 41 के 41 मजदूर सकुशल बाहर निकाल लिए गए हैं। बाहर निकलने वाले प्रत्येक मजदूर को शाल उठाकर और माला पहनाकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वागत किया।
बाहर निकाले गए सभी मजदूर को चिन्यालीसौंड के अस्पताल में एंबुलेंस द्वारा ले जाया जा रहा है। वहां उनके लिए पहले से ही चिकित्सकीय व्यवस्थाएं की गईं हैं। उनकी प्राथमिक शारिरिक जांच के बाद यदि किसी को आवश्यकता हुई तो अति प्रातःकाल चिनूक हैलीकॉप्टर की सहायता से ऋषिकेश स्थित एम्स ले जाया जाएगा। एम्स (ऋषिकेश) में भी 41 बेड खाली रखे गए हैं।
सुरंग के बाहर खड़े श्रमिकों में खुशी
बचाव अभियान की सफलता की सूचना आते ही सुरंग के बाहर खड़े श्रमिकों ने ‘जय श्रीराम’ का जयकारा लगाया।इससे पहले, लारसन एंड टयूबरों टीम का नेतृत्व कर रहे क्रिस कूपर ने श्रमिकों का इंतजार जल्द खत्म होने की भविष्यवाणी की थी।
उन्होंने संवाददाताओं को बताया था कि श्रमिक शाम पांच बजे तक बाहर आ सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि श्रमिकों तक पहुंचने के लिए विकल्प के तौर पर की जा रही लंबवत ड्रिलिंग को अब रोक दिया गया है। भारी और शक्तिशाली 25 टन वजनी अमेरिकी ऑगर मशीन से सुरंग में क्षैतिज ड्रिलिंग के दौरान शुक्रवार को मशीन के कई हिस्से मलबे में फंसने के कारण काम में व्यवधान आ गया था।इसके बाद सुरंग में हाथ से ड्रिल कर पाइप डालने की रणनीति अपनाई गई।
रैट होल विशेषज्ञों ने किया काम
ऑगर मशीन के रूकने से पहले तक मलबे में 47 मीटर अंदर तक ड्रिलिंग की जा चुकी थी जबकि करीब 10 मीटर की ड्रिलिंग शेष थी। बचे काम को हाथ से पूरा करने के लिए 12 ‘रैट होल’ विशेषज्ञों को बुलाया गया था।अपने 22 वर्षीय पुत्र मंजीत का सुरंग के बाहर इंतजार कर रहे चौधरी ने कहा कि अधिकारियों ने सिलक्यारा में रूके परिवारजनों से कहा है कि उन्हें श्रमिकों के पास ले जाए जाने की व्यवस्था की जाएगी।
सुरंग में फंसे एक अन्य श्रमिक गब्बर सिंह नेगी के भाई जयमल सिंह नेगी ने कहा कि आज प्रकृति भी खुश लग रही है।उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने परिजनों को अपना सामान तैयार रखने और अग्रिम आदेशों का इंतजार करने को कहा है।
हांलाकि बाहर आ रहे मजदूर बेहद खुश व स्वस्थ नजर आ रहे हैं। फिर भी 17 दिन तक एक सुरंग में रहने के बाद उनके मानसिक व शारिरिक स्वस्थता के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं।