पलामू। पलामू के पांकी की नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता का शव बुधवार शाम उसके गांव पहुंचा। गुजरात में दुष्कर्म के बाद बच्ची गंभीर हो गयी थी। इलाज के दौरान 23 दिसम्बर को उसकी मौत हो गयी थी।
झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर एवं पूर्व मंत्री वैद्यनाथ राम के नेतृत्व में पूरे सम्मान के साथ देर शाम नाबालिग का अंतिम संस्कार किया गया। मौके पर जिले उपायुक्त शशि रंजन ने प्रभावित परिवार को एक लाख रूपए अंतिम संस्कार के लिए सौंपा।
वित्त मंत्री ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा पीड़िता के इलाज के लिए चार लाख रुपए दिए गए थे। राज्य की मंत्री दीपिका पांडे सिंह को पूरे मामले की जांच के लिए गुजरात भेजा था। मौत की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री काफी दुखी हैं और उन्होंने मंगलवार की रात उन्हें बुलाकर निर्देश दिया कि वह पीड़िता के घर जाकर पूरे सम्मान के साथ उसकी अंत्येष्टि करवाए। वित्त मंत्री ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर जिला प्रशासन के द्वारा पीड़िता के परिवार को एक लाख रुपये दाह संस्कार के लिए दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने गुजरात पुलिस से आरोपी को सख्त सजा देने की मांग की है।
वित्त मंत्री ने कहा कि पीड़ित परिवार को हर संभव झारखंड सरकार मदद करेगी। विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए पांकी के प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचल अधिकारी को निर्देशित किया गया है। बीडीओ और सीओ अबुआ आवास, सिंचाई कूप, मईयां सम्मान आदि का लाभ देने के लिए प्रभावित परिवार से बात करेंगे। जो भी योजना उनके हित में होगी, इसका लाभ दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि विश्रामपुर थाना क्षेत्र के लालगढ़ विहार के लालीमाटी की वार्ड 7 की सदस्य पाची देवी का पुत्र विजय पासवान ने 14 दिसम्बर को खेलते समय बच्ची को अगवा कर लिया था एवं अपने साथ झाड़ियों में ले गया। वहां अपनी हवस का शिकार बनाया और लड़की की प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दिया था। इससे उसे गंभीर आंतरिक चोटें आई थीं।
उसे वड़ोदरा के एसएसजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। बच्ची के पेट व मुंह पर गंभीर जख्म थे। स्थिति नाजुक थी। पीड़ित बच्ची बार-बार कह रही थी कि पड़ोस में रहने वाले विजय ने पहले उसे पत्थर मारा, चाकू मारा, फिर गलत काम किया।
इधर, बच्ची को 16 दिसंबर को वडोदरा के एसएसजी अस्पताल में रेफर किया गया था। इंटरनल पार्ट्स में गंभीर चोट लगी थी। उसकी तीन सर्जरी भी की गई थी। 23 दिसंबर को इलाज के दौरान 3 घंटे में पीड़िता को दो बार कार्डियक अरेस्ट हुआ, जिससे उसकी मौत हो गई।
परिवार वालों ने गांव में बिटिया के शव के अंतिम संस्कार की इच्छा जताई थी। इसके बाद सड़क मार्ग से प्रशासन ने परिवार को शव के साथ घर के लिए भेजा। इधर, मृतका के घर जुटी महिलाओं ने कहा कि आरोपी को चौराहे पर फांसी देनी चाहिए। पीड़िता के माता-पिता मजदूर हैं।
इस घटना के आरोपित पीड़िता के घर के बगल में ही रहता था और उसके पिता के साथ उसी कारखाने में काम भी करता था। पुलिस ने आरोपित विजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। नाबालिग पीड़िता के पिता ने बताया था कि बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले से 10 वर्षों से जान पहचान है। दोनों गुजरात में एक साथ सरिया सेनटरिंग का काम करते हैं। छह माह पहले ही उसने अपनी पत्नी और बेटी को गांव से गुजरात बुलाया था।
यहां आने के बाद उसकी पत्नी भी मजदूरी करने लगी थी। घर पर बेटी अकेली थी। 14 दिसम्बर की शाम जब पत्नी लौटी तो बेटी को घर में नहीं पाया। खोजने पर बेटी झाड़ी में मिली। उसने बताया कि उसके साथ गलत काम किया गया है। बताया जा रहा है कि आरोपित विजय ने एक महीने पहले भी बच्ची के साथ रेप किया था।