गढ़वा। गजब की विडंबना है। जिले में विश्व प्रसिद्ध ख्याति प्राप्त श्री बंशीधर मन्दिर को व्यापक आयाम दिलाने के लिए श्री बंशीधर महोत्सव के रूप में राजकीय समारोह प्रारम्भ कराने वाले पलामू के भाजपा सांसद बीडी राम ने इस वर्ष के श्री बंशीधर महोत्सव पर आयोजित राजकीय समारोह से अपने आप को अलग कर लिया है और उन्होंने चौकाने वाले कई खुलासे किए हैं।
गढ़वा जिला मुख्यालय के आरकेवीएस बीएड कॉलेज में आयोजित प्रेसवार्ता में सांसद श्री राम ने खुलासा करते हुए कहा कि इस वर्ष श्री बंशीधर महोत्सव के अवसर पर आयोजित राजकीय समारोह में गाइडलाइन जारी करते हुए संसद-विधयक को मन्दिर में पूजा करने और प्रसाद चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने सरकारी समारोह पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि यह कैसा महोत्सव है जिसमें आम व्यक्ति और आम जनता के प्रतिनिधियों को मन्दिर में पूजा करने और प्रसाद चढ़ाने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में आठ और नौ अप्रैल को आयोजित श्री वंशीधर महोत्सव के आमंत्रण के लिए लगाए गए सांसद-विधायक के पोस्टल को प्रशासन ने उतरवा दिया और खबर भेजवाया कि अपने बैनर पोस्टल को उठाकर ले जाएं। वहीं प्रशासन ने दूसरी ओर झारखंड की सत्तासीन पार्टी झामुमो का बैनर पोस्टल बड़े पैमाने पर लगाने की छूट दे दी। प्रशासन के इस तरह की कार्रवाई समझ से परे है।
मुख्यमंत्री का कार्यक्रम 3 से 5 बजे तक, आमंत्रण मिला 6 बजे का
सांसद ने कहा कि उन्हें प्रशासन द्वारा जो आमंत्रण पत्र मिला है। उसमें शाम 6 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होने की बात कही गयी है। जबकि एक दिन पूर्व डीसी ने प्रेस कांफ्रेंस में पूरे कार्यक्रम की रूप रेखा बतायी। जिसमें मुख्य समारोह शाम 3 बजे से 5 बजे तक होने की जानकारी दी गयी। इस राजकीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी शिरकत करने वाले है। मुख्यमंत्री जी हमारे क्षेत्र में आ रहे है, जबकि उनका अभिवादन और सम्मान करने का अवसर भी उन्हें नहीं दिया गया। जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री जी के समारोह में आने जाने एवं उस कार्यक्रम शामिल होने की उन्हें कोई सूचना नहीं दी। इससे वह अपने आप को अपमानित महसूस कर रहे हैं। जिला प्रशासन के उपरोक्त उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण वह अपने आप को राजकीय समारोह से अलग रखे हुए हैं। बावजूद इसके वह इस महोत्सव की सफलता की कामना करते हैं।
2017 में शुरू कराया महोत्सव, पूर्ण हुए महत्वपूर्ण तीन कार्य
सांसद बीडी राम ने कहा कि उनके अथक प्रयास से आमजनों की अपेक्षा के अनुरूप 2017 में श्री बंशीधर महोत्सव की शुरुवात करायी थी। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास जी से तीन मांगे रखी थी। जिसमें श्री बंशीधर महोत्सव को राजकीय समारोह घोषित करने, नगर उंटारी का नाम बदलकर श्री बंशीधर नगर करने और नगर उंटारी में एक अतिथि गृह बनवाने की मांगें शामिल थी। मुख्यमंत्री जी ने ये तीनों कार्य कर दिये। उन्होंने एकदम से चौंका देने वाला खुलासा करते हुए कहा कि उन्होंने नगर उंटारी रेलवे स्टेशन का नाम श्री बंशीधर करने के लिए केंद्र सरकार को अनुशंसा हेतु झारखंड के गृह विभाग को पत्र भेजा था। गृह विभाग ने उनकी चिट्ठी का हवाला देते हुए गढ़वा डीसी को पत्र भेजा था। गढ़वा डीसी ने इस सम्बंध में आम लोगों की भावना जानने के लिए श्री बंशीधर एसडीओ को जो पत्र लिखा उसमें स्थानीय मंत्री को कोड किया।उनके पत्र की कोई जिक्र नहीं की जबकि उस पत्र को एसडीओ को भेजे गए पत्र में संलग्न किया गया है। यह वाकया भी हास्यपद है।
श्री कृष्ण सर्किट से जुड़ जाता श्री बंशीधर मन्दिर
बीडी राम ने कहा कि इस वर्ष के श्री बंशीधर महोत्सव पर गढ़वा को बड़ा तोहफा दिलाने का प्रयास किया था। महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्री को बुलाने का प्रयास किया गया था। उन्होंने आने की सहमति बजी दे दी थी। लेकिन इस कार्यक्रम को राजनीतिक रंग दे दिया गया। यदि केन्द्रीय मंत्री यहां आ जाते तो श्री बंशीधर मन्दिर को श्री कृष्ण सर्किट से जोड़ दिया जाता। तब इस मंदिर की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बन जाती। इस मंदिर का विकास भी उसी अनुरूप होता। यह बड़ा पर्यटन केंद्र तो बनता ही साथ में रोजगार के अवसर भी काफी बढ़ जाते।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा नेता अलखनाथ पांडेय, शारदा महेश प्रताप देव, ओमप्रकाश तिवारी सहित कई नेता मौजूद थे।