रांची। रांची जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) की ओर से गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस पर बिरसा मुण्डा केन्द्रीय कारा होटवार रांची में जेल अदालत-सह-विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। विभिन्न न्यायालयों में लंबित 58 वादों के निष्पादन को लेकर होटवार स्थित बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा( जेल) में संसीमित बंदियों का आवेदन जेल अदालत के लिए समर्पित किया गया था। संसीमित बंदियों की ओर से जेल में बितायी गयी अवधि को ध्यान में रखते हुए कुल 58 वादों का गुरुवार को निष्पादन जेल अदालत में कर दिया गया।
इसमें बतौर मुख्य अतिथि रांची के न्यायायुक्त-सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष दिवाकर पांडे, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश राजेश कुमार सिंह, न्यायायुक्त आशिफ इकबाल, चन्द्रभानू, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कमलेश बेहरा, जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव राकेश रंजन, अक्षत श्रीवास्तव, राजकुमार पाण्डेय, दिग्विजय नाथ शुक्ला, शंभू महतो, मनोज इन्दवार, गौतम गोविन्दा, अभिषेक श्रीवास्तव , सौरभ त्रिपाठी, निबंधक, श्री प्रशान्त कुमार वर्मा, विजय कुमार यादव, रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी, मान्या टंडन,परिधि शर्मा, कंचन कुमारी, अर्चना मिश्रा, एकता सक्सेना, स्मृति रुपम टोपनो तथा दिव्या राघव उपस्थित थे।
इसके लिए रांची व्यवहार न्यायालय के न्यायायुक्त के नेतृत्व में न्यायिक पदाधिकारियों की कमेटी गठित की गई थी, जिसमें मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चंदन, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार कमलेश बेहरा समेत अन्य न्यायिक दंडाधिकारी शामिल थे। जेल आदलत में निष्पादन होने वाले मुकदमों तथा बंदियों का चयन किया गया, जिसकी सूची तैयार करने में एलएडीसी के सदस्यों में वीरेंद्र प्रताप और सौरभ पांडेय की महत्वपूर्ण भूमिका रही। न्यायिक दंडाधिकारियों के समक्ष चयनित मुकदमों को जेल अदालत में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रखा गया, जिसमें 58 वादों का निष्पादन जेल अदालत में किया गया और संबंधित बंदियों को कारा से मुक्त किया गया।
जेल अदालत-सह-विधिक जागरुकता शिविर में न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय ने बंदियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि बंदियों को समाज की मुख्य धारा में लाना ही जेल अदालत का उद्देश्य है। उन्होंने बंदियों के समस्या को सुना एवं तुरंत निराकरण के लिए उपस्थित काराकर्मी के सदस्यों को निर्देशित किया। महिला न्यायिक दंडाधिकारी सदस्यों द्वारा महिला कक्ष में बंदियों से खास मुलाकात कर विधिक सहायता एवं चिकित्सा से संबंधित जानकारी ली गई। विधिक जागरूकता शिविर में विधि के 15 छात्र-छात्राएं भी शामिल थे।
इस अवसर पर काराधीक्षक, कारापाल, कारा लिपिक, काराकर्मी, बिरसा मुण्डा केन्द्रीय कारा होटवार, और एलएडीसी के सदस्य तथा न्यायालयकर्मी तथा बंदी उपस्थित थे।