चंडीगढ़। अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बैसाखी के अवसर पर सिख कौम के नाम जारी संदेश में कहा है कि पंजाब के हालात ठीक हैं। राज्य में न टकराव है, न दो भाईचारों में तलवारें चली हैं और न यहां सरकार के साथ टकराव में गोलियां चली हैं, लेकिन पंजाब को गड़बड़ी वाला राज्य कहा जा रहा है।
श्री दमदमा साहिब में ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सबसे पहले गुरुओं से जुड़े शस्त्र दिखाए। जिनमें श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की श्री साहिब, उनके द्वारा चलाई गई बंदूक और शहीद बाबा दीप सिंह जी की श्री साहिब के संगतों को दर्शन करवाए। इसके साथ ही ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने शस्त्रों के इतिहास के बारे में भी जानकारी दी।
जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि शस्त्रों के बिना राज संभव नहीं है। आज भी वही देश सबसे अधिक समृद्ध है, जिसके पास सबसे बड़ी ताकत है, सेना है। राजनीतिक ताकतें सिखों को शस्त्रों से जुदा करना चाहती हैं, जो संभव नहीं है। उन्होंने सिखों को अपने घरों में श्री साहिब (तलवार) रखने की अपील करते हुए कहा कि यह गुरुओं द्वारा दिए गए शस्त्र हैं। आज की हुकूमतें अज्ञानतावश उन लोगों के खिलाफ भी आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज कर रही हैं जिनके घरों में गुरुओं की दी गई श्री साहिब मौजूद है।
उन्होंने कहा कि जहां फसाद हुए हैं, कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हुई है उसे छोड़ कर पंजाब को गड़बड़ी वाला राज्य कहा जा रहा है। पंजाब शांत है और राज्य में अमन-शांति के लिए अरदास भी करते हैं। कई बार शरारती तत्व शांत पानी में पहले पत्थर मारते हैं। बाद में कहा जाता है कि पानी हिल रहा है,अशांत है।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने लोगों को पंजाब आने का न्योता देते हुए कहा कि वह बेपरवाह होकर राज्य में आएं लापरवाह होकर नहीं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बताया कि सिख परंपरा में यह पावन पर्व श्री गुरु अमरदास जी के समय से ही मनाया जा रहा है। सिख भाई तारो जी ने श्री गुरु अमरदास जी के सामने अपने विचार रखे थे कि एक साझा दिन मनाया जाए, जिस दिन पूरी दुनिया से सिख इकट्ठे हुआ करें। ताकि वह एक-दूसरे को जान सकें।