पलामू। एक दिवसीय पलामू दौरे पर आए पूर्वी जमशेदपुर के विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय ने कहा कि पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) का 50वां स्थापना साल चल रहा है लेकिन जिस उद्देश्य से पीटीआर की स्थापना की गई थी, वह फेल हो गया है। वाइल्ड लाइफ वार्डन की भूमिका नहीं के बराबर रह गई है। वाइल्ड लाइफ एक्ट का कोई प्रावधान यहां लागू नहीं होता। बुरी हालत है और दुर्दशा के बीच जैसे-तैसे यहां काम हो रहा है।
उन्होंने प्रजनन काल का हवाला देकर तीन महीने के लिए पीटीआर के टूरिस्ट क्षेत्र में प्रवेश को हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा कि पीटीआर का दायरा 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला है लेकिन जिस क्षेत्र में टूरिस्ट आते जाते हैं, वह एरिया 54 वर्ग किलोमीटर का है। ऐसे में प्रजनन काल का हवाला देकर केवल 54 वर्ग किलोमीटर में प्रवेश रोकने का निर्णय मजाक की तरह है। बहुत पहले एक पत्र जारी हुआ था, उसी का हवाला देकर पार्क को बंद कर दिया जाता है। अन्य हिस्से में वाहन और लोगों का आना जाना लगा रहता है।
विधायक सरयू राय ने कहा कि पहले खनन विभाग को वनों को नुकसान करने के लिए जिम्मेवार माना जाता था लेकिन यह गलत है। वन विभाग से वनों को ज्यादा नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि वनों को बचाने के लिए कम सौदा करने के लिए वन विभाग ज्यादा सक्रिय रहता है।
सरयू राय ने यह भी कहा कि पीटीआर में सीआरपीएफ के कैंप ज्यादातर जंगलों में है और वहां के पदाधिकारियों और जवानों की बुरी नजर मजबूत और कीमती पेड़ों पर है। सीआरपीएफ इन पेड़ों की दुश्मन बन गयी है। सरयू राय ने बाघ एवं जंगलों को लेकर सरकार, वन विभाग और पीटीआर को सक्रियता से कार्य करने की सलाह दी है, ताकि 50 वर्ष पहले स्थापित इस टाइगर रिजर्व को पूर्व की तरह स्थापित किया जा सके।
इस मौके पर भारतीय जनतंत्र मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष धर्मेन्द्र तिवारी, शत्रुध्न ओझा, दिलीप पांडे एवं अन्य सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे।