कोडरमा। कोडरमा जिला मुख्यालय स्थित अभिलेखागार में जालसाजी कर 68 एकड़ 29 डिसमिल एवं 95 डिसमिल खतियानी जमीन के दस्तावेज के साथ छेड़ छाड़ मामले में तत्कालीन प्रभारी अभिलेखागार कोडरमा रेनू बाला की ओर से दर्ज प्राथमिकी के मुख्य आरोपित रहे तत्कालीन लिपिक कुंवर रविदास को कोडरमा पुलिस ने रामगढ़ से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
कोडरमा के अभिलेखागार में कार्यरत प्रधान सहायक कुंवर रविदास के कार्यकाल में खतियानी दस्तावेज के साथ छेड़ छाड़ किया गया था। मौजा रघुनियाडीह खाता नं 130 के खतियानी रैयत महादेव महतो एवं विश्वनाथ महतो वगैरा के नाम से दर्ज था, जिसका प्लाट न. 225, 241 सहित 116 प्लाट पर के दस्तावेज के साथ छेड़ छाड़ किया गया एवं खाता नं 131 के महादेव महतो पिता ननकू महतो वगैरा एवं विश्वनाथ महतो पिता हरलाल महतो वगैरा का प्लॉट नं 1005 व 1061 रकवा 95 डी पर शांति पूर्ण दखलकार होते हुए वर्ष 2014-15 तक लगान रसीद निर्गत था जिसका अभिप्रमाणित प्रति खतियान का 07.11.2003 का प्राप्त किया गया था।
रैयत डोमचांच निवासी चन्द्रकुमार मेहता ने बताया कि जिला अभिलेखागार कोडरमा से वर्ष 2005 में ज्ञात होता है कि खतियान में जयनगर निवासी नईम अंसारी, पिता अब्बास अंसारी, याकुब अंसारी पिता ईद मुहम्मद, इदरीश अंसारी पिता लट्टू मियां, क्यूम अंसारी पिता लतीफ़ अंसारी, अब्बास मियां पिता अली अंसारी, सुभानी मियां , लछु मियां उर्फ़ सुलेमान मियां भू-अभिलेखागार कर्मियों की सांठ-गांठ से खतियान अपने घर पर लाकर अपना नाम जोड़कर जिला अभिलेखागार में रख दिया तथा उक्त भूमि पर दखल करने का प्रयास किया।
गलत खतियान के आधार पर तब इसकी शिकायत 24 अगस्त 2016 को उपायुक्त से किया गया तत्पश्चात जाँच में सही पाया गया कि खतियान में छेड़-छाड किया गया, तब तत्कालीन प्रभारी पदाधिकारी जिला अभिलेखागार कोडरमा रेनू बाला के द्वारा खाता नं 130 व 131 का सभी कार्य पर रोक लगाया गया, और फिर कोडरमा थाना में काण्ड सं 55/18 दर्ज किया गया था।