झुमरीतिलैया (कोडरमा)। शिव तारा सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित दो दिवसीय प्रांतीय प्रधानाचार्य सम्मेलन शनिवार को संपन्न हो गया। समापन कार्यक्रम का उद्घाटन विद्या विकास समिति के झारखंड प्रांत के प्रदेश प्रदेश सचिव अजय कुमार तिवारी विभाग निरीक्षक ओमप्रकाश सिन्हा, फनींद्र झा, विवेक नयन पांडे, नीरज लाल, तुलसी प्रसाद ठाकुर, सुरेश मंडल, अखिलेश कुमार, रमेश कुमार, ब्रेन टुडू मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। वहीं अतिथि परिचय प्रधानाचार्य रमेश कुमार उपाध्याय ने किया। समापन समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों को अंग वस्त्र एवं पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया।
इस सम्मेलन में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मानवीय गुणों की सीख एवं सामाजिक जागरण विषय पर प्रधानाचार्यो को जानकारी दी गई। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान झारखंड प्रांत के प्रदेश सचिव अजय कुमार तिवारी ने विद्या भारती का लक्ष्य, राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली, प्रधानाचार्य के नेतृत्व क्षमता का विकास व्यवहार, कर्तव्य, संवाद कौशल, अधिष्ठान की स्पष्टता व दैनिक एक समान कार्य की नीरसता से कैसे बचें जैसे आवश्यक व रोचक विषय पर अपनी राय रखी। प्रधानाचार्य रमेश कुमार उपाध्याय ने सरस्वती विद्या मंदिर के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि सरस्वती विद्या मंदिर शिक्षा, संस्कार, और अनुशासन देती है जो जीवन में सहायक कार्य करता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानाचार्य को अपने काम के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए उसके पास बैक डेटिंग प्लान होना चाहिए।
आज के परिवेश में भैया बहनों को संस्कार युक्त शिक्षा देने की जरूरत है और विद्या भारती संस्कार युक्त शिक्षा दे रही है। धन्यवाद ज्ञापन के श्वेता कुमारी के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रभात कुमार, रविता उपाध्याय, अरुण कुमार, कृष्ण चंद्र, कन्हैया, बृजेश कुमार, अनल राजेश्वर सिंह, रिंकी सिंह, नागेश चंद्र सिन्हा, आनंद कुमार सिन्हा, श्वेता सिन्हा, आशा कुमारी, बहादुर साव, राजू सिंह, रवि रंजन, बबलू कुमार प्रजापति, सुनील कुमार आदि का सहयोग सराहनीय रहा।