रामगढ़ । रामगढ़ शहर में जमीन को लेकर महावीर रुंगटा और रैयतों के बीज की वार्ता शनिवार को विफल हो गई। इस वार्ता के दौरान इतना हंगामा हुआ की पुलिस पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया। विवाद को शांत कराने के लिए सांसद जयंत सिन्हा ने इस मामले में हस्तक्षेप किया। उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों को किसी भी कदम को उठाने से पहले दस्तावेजों की जांच पूरी होने का निर्देश दिया।
सांसद ने कहा कि अगर महावीर रुंगटा की कंपनी के पास जमीन के पुख्ता दस्तावेज हैं तो उसका निपटारा अंचल से ही हो सकता है। अगर अंचल कार्यालय से कुछ त्रुटि होती है तो एलआरडीसी और डीसी के कोर्ट में इस मामले का निष्पादन होगा। बिना वरीय अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस इस मामले में विवाद को बढ़ावा नहीं दे तो ही बेहतर है।
जमीन मालिकों ने अवैध कब्जे का तो रुंगटा ग्रुप ने अवैध घुसपैठ का लगाया आरोप
जमीन मालिकों का कहना है कि उनकी जमीन पर पूंजीपति अवैध तरीके से कब्जा कर रहे हैं। दूसरी ओर महावीर रुंगटा कंपनी के पदाधिकारियों का कहना है कि उनके गेस्ट हाउस में गलत तरीके से लोग घुस कर रहे हैं। यह पूरा मामला रांची रोड के हीरक नगर से जुड़ा हुआ है। यहां भूमि पर अधिकार को लेकर जमकर बवाल हुआ। रैयतों ने महावीर रुंगटा की कंपनी पर अवैध तरीके से जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। अपनी मांग को लेकर बड़ी संख्या में रैयत महिला और पुरुषों ने प्रदर्शन किया।
वर्ष 2017 से चल रहा है दोनों पक्षों में विवाद
रुंगटा ग्रुप की ओर से मौजूद लोगों ने कहा कि वह 2007 से यहां रह रहे हैं। उनकी कंपनी के नाम पर सेल डीड एग्रीमेंट भी है। दूसरी तरफ जमीन मालिकों का कहना है कि उक्त जगह हमारी खतियानी जमीन है। कुछ जमीन की लीज पर दी गई थी। वर्ष 2017 में अवधि समाप्त होने पर हम लोग जमीन पर गए तो देखा कि रूंगटा के कुछ लोग वहां रह रहे हैं।
दोनों पक्षों के दस्तावेज की होगी जांच : सीआई
जांच करने पहुंचे सीआई राजाराम ने कहा कि वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी है। एक पक्ष का कहना है कि सेल डीड एग्रीमेंट जमीन के असली मालिक के द्वारा नहीं किया गया है। जबकि रुंगटा ग्रुप के लोगों का कहना है कि जिन लोगों ने भी उन्हें सेल डीड एग्रीमेंट किया है वे उस जमीन के मालिक होने का ही दावा करते हैं। ऐसी स्थिति में दोनों पक्षों से मूल दस्तावेज की मांग की गई है। जिसकी जांच के बाद वरीय अधिकारी इस पर अपना निर्णय लेंगे। जब तक कोई ठोस निर्णय नहीं आता है, तब तक उस विवादित स्थल पर यथास्थिति बनी रहेगी।