कोडरमा। सुदूरवर्ती जंगली क्षेत्र सपही में पुलिस पिकेट अचानक हटाए जाने के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों ने अपनी आवाज उठाई। ग्रामीणों के अनुसार यह पिकेट क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि हाल ही में नक्सली गतिविधियों और गोलीबारी की घटनाएं सामने आई हैं। पिकेट हटाए जाने की सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने तत्काल पूर्व जिप अध्यक्ष शालिनी गुप्ता से संपर्क किया, जिन्होंने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
वहीं ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 15 दिन पहले इस क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधि देखी गई थी और कुछ ही दिनों पूर्व गोलीबारी की घटना भी घटी थी। इसके अतिरिक्त, बगल में स्थित शारदा माइंस में भी हाल ही में एक घटना घटी थी, जिससे पूरे क्षेत्र में भय का माहौल है। वहीं ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस पिकेट की उपस्थिति उनकी सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस संदर्भ में ग्रामीणों ने पिकेट को हटाए जाने पर कड़ा विरोध जताया और इसे सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक बताया।
मौके पर पहुंचकर शालिनी गुप्ता ने ग्रामीणों की बातों को गंभीरता से सुना और एसपी से टेलीफोन के माध्यम से बातचीत की। वहीं एसपी ने बताया कि पिकेट हटाने का आदेश ऊपर से आया है। इस पर शालिनी गुप्ता ने बताया कि यह इलाका बिहार और झारखंड के बाॅर्डर पर स्थित है, जहां पहले भी कई नक्सली घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसे में पिकेट हटाना सुरक्षा के लिहाज से सही नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हाल ही में हुई नक्सली गतिविधियों को देखते हुए पिकेट हटाने का कोई ठोस कारण नहीं है।
वहीं एसपी से ठोस जवाब न मिलने की स्थिति में शालिनी गुप्ता ने डीआईजी से भी बात की और उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया। डीआईजी ने तुरंत एसपी को निर्देशित किया, जिसके बाद एसपी ने आदेश दिया कि पिकेट को यथावत रखा जाए और फोर्स वापस लौट जाए। इस निर्णय से ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली, जिन्होंने पिकेट हटाए जाने पर गहरा असंतोष व्यक्त किया था। मौके पर मंसूर अली, सिकंदर साव, सीता देवी, पंकज साव, जुम्मन अंसारी, मोती सिंह, शीबा सिंह, समशेर सहित सैकड़ों की संख्या मे ग्रामीणों मैजूद थे।