हिसार। एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम से गंभीर रूप से ग्रसित हिसार की 39 वर्षीय महिला मरीज को नया जीवन मिला है। महिला अनिता ने इलाज के लिए चिकित्सकों का आभार जताते हुए उन्हें भगवान की संज्ञा दी है।
चिकित्सकों के अनुसार एच3एन2, स्वाइन फ्लू और निमोनिया के कारण महिला को ये समस्या हुई थी और उनका ऑक्सीजन लेवल बहुत ही खतरनाक तरीके से नीचे चला गया था। वह वेंटीलेटर सपोर्ट पर थी। फोर्टिस अस्पताल गुरुग्राम के क्रिटिकल केयर यूनिट के डॉक्टरों की टीम हिसार पहुंची और मरीज को एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजेनेशन पर रखा। इसके बाद मरीज को तुरंत ईसीएमओ एंबुलेंस में डॉक्टरों की टीम के साथ गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल शिफ्ट किया गया। हिसार की रहने वाली 39 वर्षीय मरीज अनिता रानी शुरुआत में सिरसा के निजी अस्पताल में भर्ती हुई थी। उन्हें बुखार व सर्दी की समस्या थी, जो दवाइयों से कम हो गया लेकिन एक हफ्ते बाद मरीज को सांस की गंभीर समस्या होने लगी। इसके बाद उसे हिसार के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। यहां से डॉक्टरों ने उन्हें ईसीएमओ के लिए हायर सेंटर रेफर करने की सलाह दी।
फोर्टिस अस्पताल गुरुग्राम में क्रिटिकल केयर मेडिसिन के डायरेक्टर व एचओडी डॉक्टर संदीप दीवान ने शुक्रवार को हिसार में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि मरीज को एच3एन2 फ्लू था, साथ ही एआरडीएस की वजह से सांस लेने में बहुत समस्या हो रही थी। लिहाजा उन्हें तुरंत ही आईसीयू में भर्ती किया गया। ईसीएमओ के साथ उन्हें बहुत ही देखभाल के साथ रखा गया, रेगुलर मॉनिटरिंग की गई, उनके इलाज में मल्टी-डिसीप्लिनरी डॉक्टर्स की टीम लगी रही, मरीज की बॉडी की आवश्यकता के हिसाब से ईसीएमओ को एडजस्ट किया जाता रहा। मरीज पांच हफ्ते तक ईसीएमओ पर रहीं। उसके बाद एक हफ्ते के अंदर वेंटीलेटर हटा दिया गया और मरीज को स्थिर हालत में वापस स्थानीय अस्पताल भेज दिया गया। मरीज की गर्दन में ट्रेकियोस्टोमी ट्यूब लगी थी।