नयी दिल्ली।ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक के संसद से पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने पार्टी की महिला कार्यकताओं का अभिवादन किया। उन्होंने महिला कार्यकर्ताओं के पैर भी छुए। इसके बाद महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी का अभिनंदन किया। इस कार्यक्रम में भाजपा की सभी महिला सांसद, दिल्ली की सभी महिला पार्षद व अन्य महिला जन प्रतिनिधियों की मौजूदगी रही।
इस दौरान पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि मैं आज देश की हर माता को, बहन को, बेटी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। कल और परसो हम सबने एक नया इतिहास बनते देखा है। हम सबका सौभाग्य है कि ये इतिहास बनाने का अवसर कोटि-कोटि जनों ने हमें दिया है।
उन्होंने कहा कि आने वाली अनेकों पीढ़ियों तक इस निर्णय और इस दिवस की चर्चा होगी। मैं पूरे देश को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ संसद के दोनों सदनों में भारी बहुमत से पारित होने की बहुत बहुत बधाई देता हूं। कभी-कभी किसी निर्णय में देश के भाग्य को बदलने की क्षमता होती है। संसद के दोनों सदनों द्वारा ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ रिकॉर्ड मतों से पारित किया जा चुका है। जिस बात का देश को पिछले कई दशकों से इंतजार था, वो सपना अब सच हुआ है।
जेपी नड्डा ने कही यह बात
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि यह हम सबके लिए बहुत ऐतिहासिक घड़ी है। इस क्षण के हम सब चश्मदीद गवाह बने हैं, ये हमारा सौभाग्य है। इस पल का हम सबको लंबे समय से इंतजार था। दूरदृष्टि, अटूट निश्चय और पक्के इरादे के साथ ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ को प्रधानमंत्री ने समय पर पारित कराया है। इसके लिए हम उनका अभिनंदन करते हैं।
उन्होंने कहा कि नारी शक्ति के सशक्तिकरण के लिए एक नहीं, बल्कि अनेकों कदम उठाए हैं। इसके साथ-साथ देश में लंबे समय से लंबित समस्याओं का निराकरण भी प्रधानमंत्री मोदी ने लोकतांत्रिक तरीके से किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बहुत से कार्यक्रम चलाए।
बीती रात राज्यसभा ने दी मंजूरी
इससे पहले लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण के प्रावधान वाला 128वां संविधान संशोधन विधेयक गुरुवार को राज्यसभा में पास हो गया। दिनभर की लंबी चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया। बिल के पक्ष में 214 वोट पड़े, जबकि किसी ने भी बिल के खिलाफ वोट नहीं डाला।
बुधवार को लोकसभा ने किया था पारित
इसी के साथ संसद और विधानसभाओं में महिला सशक्तिकरण की राह में बीते 27 साल से पड़ा सूखा खत्म हो गया और नए संसद भवन ने पहले ही सत्र में नारी शक्ति का वंदन करने का नया इतिहास रच दिया। इससे पहले विधेयक को बुधवार को लोकसभा से मंजूरी मिल गई थी। लोकसभा ने भी इस बिल को दो तिहाई बहुमत के साथ पास किया था। इसके पक्ष में 454 और विरोध में दो वोट पड़े थे।