कोडरमा। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के निमित झारखण्ड बालिका आवासीय विद्यालय डोमचांच में छात्राओं के बीच आत्महत्या रोकथाम के विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के डाॅ. आशीष राज ने कहा कि आत्महत्याओं का एक बड़ा हिस्सा मानसिक बीमारियों जैसे अवसाद, मादक द्रव्यों के सेवन और मनोविकृति के कारण होता है। साथ ही महिलाओं में अवसाद और आत्महत्या से होने वाली मौत के बीच संबंध अधिक देखा गया है।
वहीं राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के सिद्धान्त ओहदार ने आत्महत्या रोकथाम के विभिन्न तरीकों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकरी साझा करते हुए बताया कि सभी को समस्याओं पर खुल कर बात करनी चाहिए, पढ़ाई के दौरान का सम्पूर्ण समय प्रत्येक कार्य के लिए निर्धारित कर, सामाजिक अलगाव और विघटन को कम कर, मानसिक विकारों का ईलाज सर्व सुलभ कर, कीटनाशकों की बिक्री को विनियमित कर, मनोवैज्ञानिक प्रेरक सत्र के साथ ही ध्यान और योग को बढ़ावा देकर आत्महत्या को नियंत्रित किया जा सकता है। मौके पर विद्यालय की शिक्षिकाएं मौजूद थीं।