चतरा। झारखंड जैव विविधता पर्षद के द्वारा जैव विरासत स्थल घोषित करने को लेकर कार्यशाला का आयोजन हुआ। झारखंड जैव विविधता पर्षद के सदस्य सचिव सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी संजीव कुमार (अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक) ने पलाश भवन सभागार में आयोजित कार्यशाला में 100 जैव विविधता विरासत स्थल को दिसंबर माह तक चिन्हित करने का लक्ष्य रखा है। उक्त लक्ष्य के आलोक में अभी तक झारखंड के चतरा, रांची, हजारीबाग, लातेहार, देवघर, गिरीडीह व अन्य जिलों से 40 से भी अधिक जैव विविधता विरासत स्थल को चिन्हित किया जा चुका है।
इसी क्रम में सदस्य सचिव द्वारा तकनीकी रूप से सही प्रस्ताव जो को ग्राम सभा से पारित कर पर्षद को प्रस्ताव देना है के लिए लगातार वीडियो कांफ्रेंसिंग एवं सीधे तौर पर जैव विविधता प्रबंधन समितियों के साथ बैठक कर जानकारी ले रहे है। उन्होंने कहा कि जैव विविधता अधिनियम की धारा 37 के अंतर्गत जैव विविधता विरासत स्थल घोषित करने का प्रावधान है। जिससे विरासत में मिले जैव विविधता, सांस्कृतिक धरोहर को संरंक्षित किया जा सके।
ग्राम सभा से पारित कर प्रस्ताव पर्षद को प्राप्त हुए। सचिव ने उक्त कार्यों की समीक्षा एवं क्षेत्र में कार्य को और अच्छा से करने के लिए संबंधित लोगों को कई दिशा निर्देश दिए। बैठक में तकनीकी पदाधिकारी हरि शंकर लाल द्वारा सभी को जैव विविधता विरासत स्थल को चिन्हित और घोषित करने की तकनीकी प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला गया।