रांची। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) की परीक्षा रविवार को होगी। इसके लिए रांची में 10 केंद्र बनाए हैं। इस परीक्षा के कॉर्डिनेटर डीपीएस रांची के प्राचार्य डॉ राम सिंह हैं। राम सिंह ने बताया कि इस परीक्षा को लेकर तमाम तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। परीक्षा केंद्र पर कड़े जांच की व्यवस्था की गयी है। हर बच्चे की जांच की जाएगी। बच्चों को क्या करना है और क्या नहीं है, इसकी जानकारी स्टूडेंट्स को दे दी गयी है।
इस नीट टेस्ट के जरिए झारखंड के आठ मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन मिलता है। इन सभी मेडिकल कॉलेजों में स्टेट कोटा सीट तय है। इस स्टेट कोटा सीट में केवल झारखंड राज्य के बच्चों का ही एडमिशन होता है। झारखंड के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस, डेंटल और होमियोपैथी की पढ़ाई होती है। स्टेट काउंसलिंग के जरिए इन कोर्सेस में एडमिशन लिया जाता है।
झारखंड के मेडिकल कॉलेजों के स्टेट कोटा में एडमिशन के लिए नीट के रिजल्ट के बाद स्टेट की ओर से काउंसलिग होती है। इस काउंसलिंग को झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (जेसीईसीईबी ) कंडक्ट करती है। स्टेट के स्टूडेंट्स से जेसीईसीईबी एप्लीकेशन लेती है। इस एप्लीकेशन के आधार पर स्टेट मेरिट लिस्ट निकाला जाता है। फिर स्टूडेंट्स को रैंक के आधार पर कॉलेज और कोर्स अलॉट किए जाते हैं। जिसके बाद स्टूडेंट्स संबंधित कॉलेज में जाकर एडमिशन लेता है।
कितनी स्टेट सीट निर्धारित
एमबीबीएस
रिम्स रांची 148
एमजीएम जमशेदपुर 83
शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज, धनबाद 41
फूलो-झानों मेडिकल कॉलेज, दुमका 83
मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज, बारीडीह, जमशेदपुर 25
लक्ष्मी चंद्रवंशी मेडिकल कॉलेज, विश्रामपुर, पलामू 100
मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज, पलामू 83
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज, हजारीबाग 83
बीडीएस
कॉलेज का नाम स्टेट कोटा सीट
डेंटल इंस्टीट्यूट रिम्स, रांची 52
हजारीबाग कॉलेज ऑफ डेंटल साइंस एंड हॉस्पिटल 85
वनांचल डेंटल कॉलेज, गढ़वा 85
अवध डेंटल कॉलेज, जमशेदपुर 85
होमियापैथी
कॉलेज का नाम स्टेट कोटा सीट
राजकीय होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज, परसपानी, गोड्डा 54
आरोग्य होमिपैथिक मेडिकल कॉलेज, झलुआ, गढ़वा 51
मेडिकल कॉलेजों में राज्य कोटा के अंतर्गत कोटिवार सीट का बंटवारा किया गया है। इसके तहत जनरल कोटा के विद्यार्थियों के लिए राज्य स्तर के 40 प्रतिशत सीटें सुनिश्चित की गयी है। इसके अलावा इडब्ल्यूएस कोटा पर 10 प्रतिशत, एससी कोटा पर 10 प्रतिशत, एसटी कोटा पर 26 प्रतिशत, बीसी-1 पर आठ प्रतिशत और बीसी-2 पर छह प्रतिशत सीटें सुनिश्चित की जाती हैं।