कोडरमा। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय अजय कुमार सिंह की अदालत ने बुधवार को उकसा कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने के एक मामले में आरोपित संतोष तुरी निवासी मधुबन को दोषी पाते हुए 5 साल सश्रम कारावास एवं 2 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना की राशि नहीं देने पर 3 माह अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतनी होगी।
मामले में मृतका मालो देवी की मां दुनिया देवी ने डोमचांच थाना में आवेदन देकर केस दर्ज कराया था। उन्होंने कहा था कि उनकी पुत्री मालो देवी की शादी 2006 में संतोष तुरी निवासी मधुबन के साथ हुई थी। शराब पीने के लिए रुपये मांगने को लेकर संतोष पत्नी मालो से लड़ाई झगड़ा करता था। घटना के दिन भी संतोष ने मालो को उकसा कर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाने के लिए मजबूर किया। गुस्से में आकर उसकी पुत्री मालो देवी ने शरीर पर केरोसिन तेल डालकर आग ली। बेहतर इलाज के लिए रांची ले जाने के दौरान रामगढ़ में उसकी मृत्यु हो गई।
मरने से पहले मालो देवी ने अपने बयान में कहा था कि 29 जनवरी 2020 की रात संतोष घर में आया और पीने के लिए पैसा मांगने लगा। रात करीब 12 बजे वह उसे मारने लगा और कहा कि मुझे पैसा दो नहीं तो तुम मर जाओ। गुस्से में आकर उसने अपने शरीर पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली।
अभियोजन का संचालन लोक अभियोजक पीपी पीके मंडल ने किया। बचाव पक्ष की ओर से व्यवहार न्यायालय कोडरमा के एलएडीसी अरुण कुमार ओझा ने दलीलें पेश करते हुए बचाव किया। अदालत ने सभी गवाहों और साक्ष्यों का अवलोकन करने के उपरांत अभियुक्त को दोषी पाते हुए सजा मुकर्रर की और जुर्माना लगाया।