पाकुड़। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर बुधवार को संताल परगना हुल समिति पाकुड़ के द्वारा गोकुलपुर राजबाड़ी परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस दौरान समिति के सदस्यों ने सिदो -कान्हू पार्क स्थित बीरसा मुंडा, सिदो -कान्हू ,चाँद भैरो आदि अमर शहीदों की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी गई। इस दौरान आदिवासी समाज के युवक व युवक्तीयो ने आदिवासी गीत ,नृत्य परस्तुत किया।मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में एसडीओ हरिवंश पंडित मुख्यालय डीएसपी बैजनाथ प्रसाद शामिल हुई।
मुख्य अतिथियों को शहरकोल पंचायत के मुखिया विकास गॉड ने पारंपरिक अंग वस्त्र देखर स्वागत किया गया। कार्यक्रम को संबोधन करते हुए एसडीओ ने कहा की वर्ष 1982 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व आदिवासी दिवस की घोषणा की थी। तभी से पूरे विश्व मे 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में बनाया जाता है। पूरे भारत मे काफी संख्या में आदिवासी निवास करते है। भारत देश अनेकता में एकता का प्रतीक है।आदिवासी कल्याण के लिए सरकार द्वारा राज्य में आदिवासीयो के लिए फूलों झानो आशीर्वाद योजना सहित विभिन्न तरह के योजनाओं से शिक्षित युवाओं को जोड़ने का काम कर रही है। वही समारोह को मुख्यालय डीएसपी ने भी संबोधित किया।
वही समारोह को संबोधित करते हुए राइमन हेम्ब्रम ने कहा कि हम प्रकृति के असली पूजक है,वक्त है पूरे आदिवासी समुदाय एकजुट रहने की जरूरत है। हम आदिवासी जल जंगल ज़मीन के रक्षा हेतु सदियों से कृतसंकलिप्त है। हम अगर जल जंगल को बचाना छेड़ दी तो वन के साथ साथ वन्य प्राणी भी खत्म हो जायेगा। वही जीवजन्तु सोरेन ने समारोह को संबोधित कर जानकारी देते हुई कहा कि भारत वर्ष में काफी संख्या में आदिवासी समाज के लोग बसे है। पर आदिवासी समाज के लोगो को अपने अपने बच्चों की शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में आवश्यक पहल करना चाहिए ।
साथ ही कहा कि समाज को एक जुट हो कर रहने आवश्यक है। अगर आदिवासी समाज एक जुट रहे तो मणिपुर जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति कभी नही होगी । आदिवासी दिवस के मौके पर हम सब एकजुट रहने के साथ -साथ प्रकृति के रक्षा की शपथ लेते है। साथी समारोह को कीनो हेम्ब्रम आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति के मार्क बास्की, बिकास गॉड, रामसिंह टुडू आदि ने अहम भूमिका निभाई।