रांची। झारखंड हाई कोर्ट में रांची शहर में सीवरेज-ड्रेनेज परियोजना को पूरा करने का आग्रह करने वाली अरविंदर सिंह देओल की जनहित याचिका की सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि सीवरेज-ड्रेनेज परियोजना के तीन फेज का निर्माण कार्य राज्य सरकार द्वारा किया जाना है। इसको पूरा करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। इस संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दायर करे।
इससे पूर्व राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि सीवरेज-ड्रेनेज परियोजना के फेज टू, फेज थ्री और फेज फोर के कार्य के लिए डीपीआर बनाने का काम पूरा हो गया है, अब आगे की प्रक्रिया की जाएगी। रांची नगर निगम के अधिवक्ता एलसीएन शहदेव ने बताया कि जोन-वन का कार्य रांची नगर निगम कर रहा है, जिसका लगभग 78 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। राज्य सरकार द्वारा कुछ और फंड रिलीज किया गया है। रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट और एनएचएआई से अभी एनओसी नहीं मिला है। एनओसी मिलते ही कार्य तेज किया जाएगा। अभी बरसात के कारण काम में देरी हो रही है।
केंद्र सरकार के अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने शपथ पत्र दाखिल कर कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार अब रांची शहर में सीवरेज-ड्रेनेज परियोजना के लिए कोई राशि नहीं देगी। केंद्र ने स्कीम के तहत राज्य सरकार को 60 करोड़ रुपये दिए थे लेकिन राज्य सरकार ने यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट नहीं दिया था। शहरी विकास के मद में झारखंड को फंड देने वाली स्कीम वर्ष 2015 बंद हो चुकी है। जवाहरलाल नेहरू अर्बन मिशन स्कीम के तहत शहरी विकास के लिए केंद्र सरकार का अंशदान 60 प्रतिशत फीसदी तथा राज्य सरकार का अंशदान 40 प्रतिशत था।