बेगूसराय। बिहार का पावन गंगा तट आदि कुंभस्थली सिमरिया धाम 2011 में अर्द्धकुंभ एवं 2017 में भव्य महाकुंभ के बाद एक बार फिर से सनातन धर्म के प्रतीक अर्द्धकुंभ का आयोजन कर इतिहास रचने के लिए तैयार है। इस वर्ष 18 अक्टूबर से 27 नवम्बर तक चलने वाले एशिया प्रसिद्ध राजकीय कल्पवास के बीच 29 अक्टूबर से अर्द्धकुंभ का आगाज होगा।
इसकी तैयारी में जिला प्रशासन एवं कुंभ सेवा समिति के सदस्य तत्परता से जुटे हुए हैं। लगातार बैठकों का दौर जारी है। अर्ध कुंभ एवं सिमरिया कल्पवास मेला में शामिल होने के लिए साधु-संत और श्रद्धालु देश के विभिन्न हिस्से के अलावा पड़ोसी देश नेपाल से भी सिमरिया पहुंच कर खालसा लगाने की तैयारी में जुट गए हैं। प्रशासनिक स्तर पर जगह समतल करने के बाद बिजली, पानी, शौचालय सहित अन्य सुविधाओं की तैयारी अंतिम चरण में है।
साधु-संतों के समाज के लिए कुंभ सेवा समिति के साथ एक समन्वय समिति बनाई गई है। जिसमें सर्वमंगला सिद्धाश्रम, स्वामी चिदात्मन जी, विष्णुदेवाचार्य, फतेहा महंत राम सुमिरन दास, सूजा महंत शंकर दास आदि के प्रतिनिधि शामिल हैं। इसी समन्वय समिति के निर्णय से कुंभ की सभी गतिविधि संचालित होगी। समन्वय समिति में कुंभ सेवा समिति के पांच सदस्य सभी संतों की भावनाओं का कद्र करते हुए उनका सहयोग करेंगे।
कुंभ सेवा समिति के महासचिव पूर्व विधान पार्षद रजनीश कुमार, उपाध्यक्ष प्रो. अशोक सिंह अमर, डॉ. राम प्रवेश सिंह, सह संयोजक विश्व रंजन सिंह उर्फ राजू, सचिव बलराम सिंह, राज किशोर सिंह, सेंट जोसेफ के अभिषेक कुमार सिंह, नरेन्द्र प्रसाद सिंह धनकु, नीरज शांडिल्य, शुभम कुमार, आभा सिंह, उमेश मिश्रा एवं ओमप्रकाश भारद्वाज पुट्टु सहित समिति के सभी सदस्य व्यवस्था को लेकर तत्परता से जुटे हुए हैं।
संक्रांति से संक्रांति तक कल्पवास करने वाले 19 अक्टूबर तथा पूर्णिमा से पूर्णिमा तक कल्पवास करने वाले साधु-संत 28 अक्टूबर को अपने खालसा में ध्वजारोहण करेंगे। सर्वमंगला सिद्धाश्रम में 19 अक्टूबर को साधु-संत कल्पवास एवं अर्द्धकुंभ का ध्वजारोहण करेंगे। 29 अक्टूबर को प्रथम शाही स्नान होगा। उसी दिन 29 अक्टूबर से 25 नवम्बर तक गंगा महाआरती होगी। 31 अक्टूबर को कल्पवास सह कुंभ मेला की पहली परिक्रमा तथा आठ नवम्बर को दूसरी परिक्रमा होगी।
नौ नवम्बर को दूसरा शाही स्नान होगा। 16 नवम्बर को तीसरी एवं अंतिम परिक्रमा के बाद 23 नवम्बर को तीसरा एवं अंतिम शाही स्नान होगा। 27 नवम्बर को कल्पवास सह कुंभ मेला का ध्वज विच्छेदन कर समाप्ति होगी। राजकीय कल्पवास मेला सह अर्द्धकुंभ का विधिवत उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर सकते हैं। इस बात को ध्यान में रख जिला प्रशासन तैयारी में युद्धस्तर पर जुटी हुई है।
पिछले दिनों सिमरिया गंगा तट पर चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण करने आए जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय झा ने इस वर्ष सिमरिया कल्पवास मेला का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किए जाने की बात कही थी। उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर डीएम रोशन कुशवाहा एवं एसपी योगेन्द्र कुमार खुद हर तैयारी और विधि व्यवस्था पर नजर रख रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि देश के कुल चार स्थानों पर लगने वाले कल्पवास मेला में सिमरिया गंगा तट पर कार्तिक माह में लगने वाले कल्पवास मेला का भी नाम शामिल है। सिमरिया गंगा तट पर अनादि काल से चलने वाले कल्पवास मेले में पूरे कार्तिक माह में देश के विभिन्न हिस्से के अलावा पड़ोसी देश नेपाल से भी श्रद्धालु कल्पवास करने हर वर्ष आते हैं। कल्पवासी गंगा तट पर पर्णकुटी बनाकर एक माह तक कल्पवास करते हैं।
इस दौरान गंगा स्नान, पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन, श्रीमद्भागवत कथा, कार्तिक महात्म्य एवं रामकथा का श्रवण करते हैं। अपने घर के सुख सुविधाओं को त्याग एक माह तक गंगा तट किनारे जमीन पर सोते हैं तथा गंगाजल से बना भोजन ग्रहण करते हैं। कल्पवासियों और साधु-संतों की संख्या में दिन प्रतिदिन हुई वृद्धि के बाद श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं भी बढ़ने लगी। 2008 में सिमरिया कल्पवास मेला को बिहार सरकार ने राजकीय मेला का दर्जा दिया।