रांची। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता ने मंगलवार को नागरिकों की सुविधा के लिए रिम्स अंतर्गत पांच नयी योजनाओं और कार्यों का उद्घाटन किया। इनमें रिम्स के पेइंग वार्ड स्थित 25 बेड के डायलिसिस इकाई, अपर रेफरल कुपोषण उपचार केंद्र, येलो फीवर वैक्सीन सेंटर, रेडियोलोजी एवं ट्रामा सेंटर प्रतीक्षा कक्ष और नए पुस्तकालय शामिल हैं।
समारोह को संबोधित करते हुए बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरकार की यही मंशा है कि झारखंड स्वस्थ और समृद्ध राज्य बने। इसके लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही। उन्होंने कहा की डायलिसिस यूनिट और कुपोषण उपचार केंद्र शुरू होने से राज्य की जनता को काफी सहूलियत होगी और इलाज के लिए अन्य राज्यों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य की दिशा और दशा तय करने में रिम्स की अहम भूमिका है। यहां इलाज के साथ रिसर्च पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कुछ डॉक्यूमेंट्री बनवाने की भी बात कही, जिससे छात्रों को मरीजों के साथ किए जाने वाले व्यवहार की सीख मिले। साथ ही कहा कि आचार-विचार पर बात करने की जरूरत है। सिर्फ किताबों से पढ़कर नहीं, बल्कि व्यवहार से भी मरीज ठीक होते हैं। इसके अलावा कई हस्तियों की बायोग्राफी रखने की भी सलाह दी।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग अरुण सिंह ने कहा कि रिम्स में इन सुविधाओं की शुरुआत होने से दूर-दराज से आ रहे मरीजों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में कुपोषण एक समस्या है। यदि बच्चे स्वस्थ नहीं होंगे तो वह राज्य एयर देश की प्रगति में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। इसलिए जरूरी है कि बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाए।
रिम्स निदेशक डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि 25 बेड के डायलिसिस इकाई की इस व्यवस्था के अलावा पहले से संचालित 10 बेड पुरानी डायलिसिस यूनिट चलती रहेगी, जहां आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के मरीजों का निशुल्क डायलिसिस होगा। सामान्य मरीजों का डायलिसिस 1341 रुपये में किया जाएगा। नेफ्रोप्लस की मार्केटिंग प्रमुख दीप्ति नेमानी ने कहा कि नेफ्रो प्लस डायलिसिस सेवा को और अधिक सुलभ बनाना चाहता है। हमारा ध्यान गुणवत्ता, शून्य संक्रमण, अत्याधुनिक मशीन और प्रशिक्षित तकनीशियन पर है।
रिम्स ट्रामा सेंटर के पहले तल्ले पर अपर रेफरल कुपोषण उपचार केंद्र की स्थापना की गई है। यहां विभिन्न कुपोषण ट्रीटमेंट सेंटर से वैसे बच्चों को रेफर किया जाएगा, जिन्हें विशेष देखभाल और इलाज की जरूरत होगी उन्हें यहां रखकर इलाज किया जाएगा। इस केंद्र की नोडल पदाधिकारी डॉ. आशा किरण, सह प्राध्यापक, पीएसएम विभाग होंगी और शिशु रोग विभागाध्यक्ष की देखरेख में इस केंद्र का संचालन करेंगी। साथ ही नए एकेडमिक ब्लाॅक में एमबीबीएस, बीडीएस और नर्सिंग के छात्रों के लिए लाइब्रेरी बनाई गई है। लाइब्रेरी में 92278 किताबों की व्यवस्था की गई है और 501 छात्र बैठकर पढ़ाई कर सकेंगे।