झुमरीतिलैया (कोडरमा)। केंद्र सरकार के द्वारा रेलवे और बिजली क्षेत्र का निजीकरण तथा स्मार्ट मीटर लगाए जाने के खिलाफ देशव्यापी सार्वजनिक क्षेत्र बचाओ दिवस के तहत 3 नवम्बर को कोडरमा रेलवे स्टेशन के समक्ष सीटू और एआईकेएस के बैनर तले विरोध सभा का आयोजन किया जाएगा। यह निर्णय बुधवार को वीर कुंवर सिंह पार्क में सेन्टर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) और झारखंड राज्य किसान सभा (एआईकेएस) के संयुक्त बैठक में लिया गया। जिसकी अध्यक्षता सीटू नेता प्रेम प्रकाश ने किया। वहीं बैठक को संबोधित करते हुए सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान और किसान सभा के राज्य संयुक्त सचिव असीम सरकार ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सार्वजनिक उपक्रमों का बहुत बड़ा योगदान है, लेकिन भाजपानीत मोदी सरकार के द्वारा इसे लगातार खत्म किया जा रहा है।
सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों को बचाने के लिए कर्मचारी यूनियन लगातार संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार अपने चहेते पूंजीपति मित्रों के लिए निजीकरण के रास्ते देश को गिरवी रखने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है. वहीं दूसरी तरफ उर्जा क्षेत्र का निजीकरण करने के लिए पहले ही कोरोना काल में काले कृषि कानून के साथ साथ बिजली कानून 2020 संसद से पास करा लिया है। 13 महीने के लंबे किसान आंदोलन के चलते कृषि कानून तो वापस ले लिया, लेकिन बिजली कानून वापस नहीं लिया। बिजली निजीकरण होने से बिजली मंहगी हो जाएगी और आम आदमी के पहुंच से बाहर हो जाएगी, किसानों की खेती भी महंगा हो जाएगा, क्योंकि कृषि क्षेत्र में बिजली की महत्वपूर्ण भूमिका है। वहीं स्मार्ट मीटर परियोजना भी बिजली वितरण के निजीकरण का आधार है।
स्मार्ट मीटर किसानों, छोटे दूकानदारों समेत आमलोगों को अत्याधिक महंगी बिजली खरीदने के लिए मजबूर करेगा। यह मोबाइल रिचार्ज सिस्टम जैसा हो जाएगा, यानी जिस समय रिचार्ज खत्म उसी समय अंधेरा हो जाएगा। बैठक में प्रेम प्रकाश, सुनील कुमार गुप्ता, दिलीप कुमार सिन्हा, मीरा देवी, वर्षा रानी व रीना देवी आदि मौजूद थे।