रांची। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि यह समारोह न केवल हमारे उपाधिधारकों की शैक्षणिक उपलब्धियों का प्रतीक है बल्कि उनके जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत का भी प्रतीक है। जीवन में चुनौतियों को अवसर के रूप में देखे और आगे बढ़ने का प्रयास करें। उन्होंने उपाधिधारक से जीवन में आने वाली विभिन्न चुनौतियों का सामना भी उत्साहपूर्वक करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सफलता और असफलता दोनों जीवन में आएंगे, यदि सफल होना है तो अफलता का भी डटकर सामना करना है।
राज्यपाल बुधवार को रांची के आर्यभट्ट सभागार, रांची में आयोजित इक्फाई विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जितने भी महापुरुष हुए हैं उन्हें भी असफलता का सामना करना पड़ा है, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। स्वामी विवेकानंद ने कहा है- ‘उठो, जागो और तब तक मत रूको, जब तक सफलता न मिले’। पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ॰ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने भी कहा था ‘सपने बड़े देखे और उसे पूरा करने के लिए आगे बढ़ते रहें’।
राज्यपाल ने कहा कि जीवन में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े। टीम भावना के साथ कार्य करें। दूसरों की अच्छाई को देख कर अपने जीवन में उसे उतारने का प्रयास करें। अपनी दिनचर्या का पालन करें। सही दिशा में बढ़ते रहने के लिए अपनी दिनचर्या में एक घंटा का समय पुस्तकों के अध्ययन के लिए भी रखें। एक ही साथ कई लक्ष्य निर्धारित करने से दुविधा उत्पन्न होती है और लक्ष्य के प्राप्ति में कठिनाई होती है। अपने आचरण एवं सोच को संयमित रखे, इससे परिस्थिति आपके वश में रहेगा और उसे नियंत्रित किया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध रहें। यह सीख हमें प्रधानमंत्री से लेनी चाहिए। प्रधानमंत्री लक्ष्य निर्धारित कर उसे कार्यान्वित करने के लिए लगातार प्रयास करते हैं। इसी का प्रतिफल है कि भारत विश्व में 5वीं अर्थव्यवस्था का देश बन गया है और तीसरी अर्थव्यवस्था का देश बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत 2047’ दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए आगे बढ़ें। अपनी शिक्षा का उपयोग न केवल व्यक्तिगत उन्नति के लिए, बल्कि समाज के भलाई के लिए भी करें।
दीक्षांत समारोह के दौरान विश्वविद्यालय ने 2023 में स्नातक करने वाले छात्रों को कुल 196 डिग्रियां दी गई,जिनमें 10 पीएचडी के छात्र शामिल हैं। आठ स्वर्ण पदक और आठ रजत पदक भी दिया गया।