झुमरीतिलैया (कोडरमा)। शहर के अड्डी बंगला रोड एवं देवी मंडप रोड स्थित शीतला मंदिर में रोग-विनाश की माता शीतला की पूजा-अर्चना और भोग चढ़ाने के लिए सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने शीतला मां को शीतल प्रसाद का भोग लगाया और पूजा-अर्चना कर मनते मांगी। वहीं अन्य देवी-देवताओं की पूजा विधि विधान से अलग हटकर शीतल मीठा चावल, बाजरे की रोटी, दाल की पुड़ी, दही की राबड़ी, दही के व्यंजन व जल च्पडी शीतला मां को अर्पित किया।
पूजा-अर्चना के बाद व्रतियों ने ठंडा भोजन ग्रहण किया एवं व्रतियों के यहां सोमवार को दिनभर चूल्हे नहीं जले। वहीं बताया जाता है कि शीतला मां की पूजा का संबंध अध्यात्म के साथ-साथ चिकित्सा विज्ञान से है। चैत्र माह में ऋतु परिवर्तन के समय कई तरह के संक्रामक रोगों का प्रकोप होता है। पूजा के माध्यम से शीतल भोजन कर शरीर की गर्मी शांत करने का विधान बनाया गया है। वहीं मंदिर के पुजारी रवि दाहिमा ने बताया कि सोमवार को भी सुबह से ही श्रद्धालु भक्त पूजा-अर्चना में शामिल हुए। वहीं कई श्रद्धालु भक्त बुधवार को भी शीतला अष्टमी की पूजा-अर्चना करेंगे। वहीं माहुरी समाज के द्वारा भी शीतलाष्टमी पूजा को लेकर माहुरी भवन में ठंडा खाना की व्यवस्था की जाएगी।
बड़ी गणगौर पूजा शुरू
ईशर-गौरा, काना और मालन की पूजा-अर्चना के साथ ही गणगौर की बड़ी पूजा सोमवार से शुरू हुई। मारवाड़ी समाज के इन आराध्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को अब लगातार आठ दिनों तक 11 कुओं का पानी अर्पित करेंगी। वहीं समाज के कई लोगों के निवास स्थलों पर गौर बिन्दौरा निकाले जाने की तैयारी शुरू हो गई है। मालूम हो कि गौर बिनदौरा में परिवार के हर सदस्य और गणगौर पूजने वाली नवविवाहिता गणगौर की पूजा में शामिल होती हैं और पूरे परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।