रांची। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार काे देश का बजट पेश कर दिया। इस बार के बजट का थीम है रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्यम वर्ग। बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए झारखंड के प्रमुख अर्थशास्त्री हरिश्वर दयाल ने कहा कि जैसा कि बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री ने स्पष्ट किया कि बजट किसानों, महिलाओं, युवाओं और गरीबों के लिए हैं, तो बजट की घोषणाएं इन वर्ग के आसपास ही नजर आती है। सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट में उन क्षेत्रों में विकास पहुंचाने की कोशिश की है, जहां इसकी ज्यादा जरूरत है।
हरिश्वर दयाल ने कहा कि सरकार ने इस बार रोजगार पर बहुत ध्यान दिया है और रोजगार सृजन के प्रयास के लिए फंड आवंटित भी किया है। युवाओं को रोजगार मिले इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि उन्हें बेहतर शिक्षा मिले और नौकरी के लिए उन्हें जिस तरह के स्कील की जरूरत हो, वह भी उनके पास हो। इसके लिए सरकार सार्थक प्रयास कर रही है। सरकार ने अगले पांच वर्षों में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए एक नई केंद्र प्रायोजित योजना की घोषणा की है, साथ ही रोजगार सृजन से जुड़ी योजनाओं के लिए दो लाख करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया है।
हरिश्वर दयाल ने कहा कि स्वरोजगार के सरकार ने मुद्रा ऋण की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया है। साथ ही पेड इंटर्नशिप प्रोग्राम को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा शिक्षा के लिए सरकार ने एजुकेशन लोन पर तीन प्रतिशत की रियायत दी है, जो युवाओं के लिए बहुत ही राहत भरी खबर है साथ ही जरूरी भी है।
मिडिल क्लास को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने नए टैक्स स्लैब की घोषणा की है। कारपोरेट टैक्स में छूट दी है। कस्टम ड्यूटी में रियायत दी है। कैंसर की दवाओं पर कस्टम ड्यूटी शून्य करना भी एक अच्छा प्रयास है। इससे भी मिडिल क्लास को राहत मिलेगी। फिस्कल डेफिसिट को कम करने के लिए भी सरकार ने प्रयास किए हैं। टैक्स के नियमों का सरलीकरण इस दिशा में एक बेहतर प्रयास है।
हरिश्वर दयाल ने कहा कि सरकार ने आदिवासियों के लिए जनजातीय आदिवासी ग्राम योजना की शुरुआत किए जाने की घोषणा की। इस योजना के तहत 63 हजार आदिवासी बहुल गांवों को सुविधासंपन्न बनाया जाएगा। केंद्र सरकार ने बजट में पूर्वोदय कार्यक्रम की भी शुरुआत की है, जिसके तहत नाॅर्थ-ईस्ट के राज्य, बिहार, झारखंड, बंगाल जैसे राज्यों का विकास होगा, जहां विकास की सख्त जरूरत है। बिहार जैसे देश के सबसे पिछड़े प्रदेश के लिए भी सरकार ने काफी घोषणाएं की हैं। वहां इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास, हाईवे के निर्माण और टूरिज्म के लिए भी सरकार ने बड़े पैकेज की घोषणा की है, जो सराहनीय है।
बच्चों के लिए बजट में कोई प्रावधान ना करना सरकार की गलती : अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा कि इस बजट में रोजगार के लिए जो प्रयास किए गए हैं उनकी मैं सराहना करता हूं लेकिन इस बजट में उन लोगों के लिए कुछ नजर नहीं आता है, जो हाशिए पर हैं। गरीबों के लिए भी बजट में कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बजट में जो सबसे बड़ी कमी है, वो है बच्चों के बारे में। वित्तमंत्री ने अपने भाषण में कुछ भी नहीं कहा है। बच्चों के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया जाना, मेरी समझ से सरकार की बड़ी गलती है।
ज्यां द्रेज ने कहा कि बजट में महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार ने तीन लाख करोड़ रुपये का फंड दिया है। सरकार की कोशिश यह है कि कार्यस्थलों पर महिला श्रम की भागीदारी बढ़ाए जाए। इसके लिए सरकार ने वर्किंग वूमेन के लिए हाॅस्टल और उनके बच्चों के लिए क्रेच खोलने की बात कही है। साथ ही महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उन क्षेत्रों को भी चिह्नित किया गया है, जहां महिलाएं योगदान ज्यादा देती हैं, यह तो वर्ग विशेष के विकास की बात है।