रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के वंशज मंगल मुंडा के असामयिक निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री सोरेन शुक्रवार को रिम्स पहुंचकर दिवंगत मंगल मुंडा के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने ईश्वर से पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की है। मुख्यमंत्री सोरेन ने शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात कर गहरी संवेदना प्रकट करते हुए उन्हें सांत्वना दी।
भगवान बिरसा के वंशजों को हरसंभव मदद का सीएम ने दिया भरोसा
मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात कर गहरी संवेदना प्रकट करते हुए उन्हें सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने दिवंगत मंगल मुंडा के परिजनों को राज्य सरकार के स्तर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
दरअसल, धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे, जिसके बाद बेहतर इलाज के लिए रिम्स में भर्ती किया गया था। जहां रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती मंगल मुंडा के सर का जटिल ऑपरेशन न्यूरो सर्जरी विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ. आनंद प्रकाश के नेतृत्व में किया गया था। हालांकि उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। रिम्स में शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
बता दें कि खूंटी में प्राथमिक उपचार के बार रांची रिम्स रेफर कर दिया गया था। आरोप है कि रिम्स में 10 घंटे बाद इलाज शुरू हो पाया। सीएम हेमंत सोरेन को इस बारे में बताया गया तो वह तत्काल रिम्स पहुंचे और बेहतर इलाज का निर्देश दिया। शपथ लेने से पहले भी उन्होंने रिम्स के निदेशक को बेहतर इलाज की बात कही और कहा कि जरूरत पड़ने पर दिल्ली भी भेज सकते हैं, लेकिन इसकी नौबत ही नहीं आई और शुक्रवार को मंगल ने अंतिम सांस ली।
बिरसा मुंडा ने दी थी ब्रिटिश शासन को चुनौती
वर्तमान झारखंड में 1875 में जन्मे बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन को चुनौती दी थी और उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ आदिवासियों को संगठित करने का श्रेय दिया जाता है। ब्रिटिश हिरासत में 25 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई। झारखंड का निर्माण 15 नवंबर को हुआ था। 15 नवंबर को आदिवासी प्रतीक ‘धरती आबा’ (धरती के पिता) की जयंती मनाई जाती है।