रांची। झारखंड विधानसभा के छठे सत्र के तीसरे दिन बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सदन में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 11697.45 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया।
इसमें सबसे अधिक महिला बाल विकास विभाग के लिए 6390.55 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके बाद ऊर्जा विभाग के लिए 2577.92 करोड़, गृहकारा विभाग के लिए 445.96 करोड़, माध्यमिक शिक्षा के लिए 301.89 करोड़ और प्राथमिक शिक्षा के लिए 272.80 करोड़ का प्रावधान है। अनुपूरक बजट पेश होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 12 दिसंबर को पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
सरकार को मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुक महिलाओं को 2,500 रु का मासिक किस्त जारी करना है। इसके अलावा सर्वजन पेंशन योजना के लाभुकों को भी 1000 रु. बतौर मासिक किस्त देना है। इससे स्पष्ट है कि अपने वादे को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने अनुपूरक बजट के जरिए राशि प्रबंध करने की पहल की है। हालांकि, एक बात स्पष्ट है कि मंईयां सम्मान के लाभुकों को दिसंबर माह का किस्त मिलने में थोड़ा विलंब हो सकता है। वैसे, सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट में ही राशि निर्गत करने का फैसला ले लिया गया था। इसी आधार पर झामुमो की ओर से घोषणा की गई थी कि 11 दिसंबर को महिलाओं के खाते में 2,500 रु. ट्रांसफर हो जाएंगे।
अनुपूरक बजट में ऊर्जा विभाग के लिए 2,577.92 करोड़ की जरूरत बताई गई है। इससे साफ है कि बिजली बिल माफी योजना में दी गई राशि की भरपाई के लिए विभाग को इस राशि की जरूरत है। इसके अलावा गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग (गृह प्रभाग) के लिए 445 करोड़ 96 लाख, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (सेकेंडरी शिक्षा प्रभाग) के लिए 301 करोड़ 89 लाख और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (प्राथमिक एवं व्यस्क शिक्षा प्रभाग) के लिए 245 करोड़ की मांग रखी गई है।