रांची। मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से पूर्व मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने मंगलवार को मुलाकात की। तिर्की ने कहा कि मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से हुई उनकी मुलाकात में कई अहम मुद्दों पर सकारात्मक बातचीत हुई। मुख्य सचिव ने उन्हें शीघ्र ही प्रभावी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
तिर्की ने कहा कि लातेहार में टाना भगतों द्वारा वहां के कचहरी परिसर में जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा के लिए किए जा रहे शांतिपूर्ण आंदोलन पर कार्रवाई करते हुए लगभग 200 लोगों को नामजद और 300 अज्ञात लोगों पर गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस संदर्भ में मुख्य सचिव सिंह ने यह आश्वासन दिया कि लातेहार के उपायुक्त से प्रतिवेदन मंगवाने के बाद इस मामले पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
तिर्की ने कहा कि झारखंड में विभिन्न स्थानों पर बड़ी संख्या में रहनेवाले अनुसूचित जनजाति चीक ब़ड़ाईक लोगों में अधिकांश के खेवट और खतियान में विभिन्न तरीके से जाति दर्ज होने के कारण उनके वंशजों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र मिलने में कठिनाई हो रही है। इस मामले पर भी मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया कि इस मामले में अपेक्षित कदम उठाए जाएंगे।
तिर्की ने कहा कि मुख्य सचिव ने इस बात पर भी अपनी सहमति दी की है कि मांडर के मुड़मा दोहर में सिंचाई की समुचित व्यवस्था की जाए, जिससे सैकड़ों एकड़ भूमि सिंचित हो और इसका फायदा हजारों किसानों को मिले। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव से अपनी वार्ता के दौरान उन्होंने 2013 में शुरू हुए बेड़ो मॉडल स्कूल के निर्माण कार्य की ओर भी उनका ध्यान आकृष्ट किया। उन्हें जानकारी दी कि संवेदक और विभागीय लापरवाही के कारण भवन का निर्माण कार्य अबतक पूरा नहीं हुआ है। इसके अलावा मांडर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मांडर, सोपारोम और चान्हो को सरकार के आदर्श विद्यालयों की सूची में तो शामिल कर लिया गया है लेकिन अबतक वहां न तो बिजली की आपूर्ति हुई है और ना ही पहुंच पथ का ही निर्माण किया गया है।
तिर्की ने कहा कि मांडर प्रखंड के कैम्बो गांव में कोयल नदी में भूमि संरक्षण विभाग द्वारा चेक डैम का निर्माण कराया गया था, जिसमें तकनीकी दृष्टिकोण से अनेक खामियां थीं और अत्यधिक वर्षा के कारण चेक डैम का गार्डवाल टूटने से नदी की धारा बदल गई परिणाम स्वरूप अनेक एकड़ भूमि नदी में समाहित हो गए। तिर्की ने मुख्य सचिव से आग्रह किया कि इस नदी पर जल संसाधन विभाग के द्वारा वृहद पैमाने पर डैम का निर्माण कराया जाए। तब तक किसी वैकल्पिक व्यवस्था के माध्यम से किसानों के खेतों में कटाव को रोका जाए।