गढ़वा। गढ़वा के भोले भाले आदिवासियों और गरीबों को बहला फुसलाकर धर्मानान्तरण कराकर ईसाई बनाने का अभियान अब धर्मानान्तरण रैकेट के माध्यम से किये जाने का बड़ा खुलासा हुआ है। जिला मुख्यालय के टंडवा मुहल्ला के नागरिकों की जागरूकता के कारण धर्मानान्तरण रैकेट का भंडाफोड़ हुआ और उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया। एसपी के निर्देश पर पुलिस इसकी बारीकी से जांच में जुट गई है। उधर नगर परिषद गढ़वा के कार्यपालक पदाधिकारी भी आश्रय गृह में रैकेट के रुकने सम्बन्धी वैधता की जांच में जुट गए हैं।
जानकारी के अनुसार बिहार के मुंगेर जिले का रहने वाला आशुतोष आनन्द उसकी पत्नी प्रिया भारती और बच्चे वर्षों से टंडवा मुहल्ले में किराए के मकान में रह रहे थे और छुपे-छिपे धर्म परिवर्तन के कार्य मे जूट हुए थे। कई गांवों में उनलोगों ने धर्म परिवर्तन का माहौल बना रखा था। उनके टारगेट पर गरीब आदिवासी और हरिजन थे। जिन्हें ईसाई बनने पर होने वाले फायदे से अवगत कराना और ईसाई बनाना था।मुख्य कर्ता धर्ता आशुतोष आनन्द ने कई स्थानीय लोगों को ईसाई बनने के लिए ब्रेनवास किया था।जिसमें कितासोती गांव का अजय राम भी शामिल था।
बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन की थी योजना
आशुतोष आनन्द ने गढ़वा में बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन के लिए बाहर से विशेषज्ञ लोगों की टोली को आमंत्रित किया था। योजना के अनुसार उन्हें कई टुकड़ों में बांटकर कई गांवों में घूमना था और लोगों को ईसाई धर्म मे शामिल होने की सारी प्रक्रिया को पूरा करना था। उसके बाद सभी का धर्म परिवर्तन कर उन्हें नए धर्म में आजीवन रहने का कसम खिलाना था। साथ ही ईसाई धर्म में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का टास्क देना था।
नगर परिषद के आश्रय गृह बना मेहमानखाना
आशुतोष आनन्द ने गढ़वा में आकर धर्म परिवर्तन कराने के लिए जिस विशेषज्ञ टीम को बुलाया था उसमें आंध्रप्रदेश के अलग-अलग गांव के राममोहन राव, रवि राज, प्रेम कुमार, प्रवीण कुमार, के नागेश, प्रमदय, बंसत कुमार, जी गणेश, बी राज, के राजेश, सामिल्स, बिहार के मुंगेर जिला के मुफसील के नैयागडही गांव निवासी आशुतोष आनंद की पत्नी प्रिया भारती, नबाबगढ़ी के रंजीत आंनद की पत्नी, मुन्नी देवी, दिपक आंनद की पत्नी तनु कुमारी, आलिया कुमारी, सालनी कुमारी, इश्वर आनंद, सृष्टि राज शामिल थी। आशुतोष आनन्द ने इनके रुकने की व्यवस्था नगर परिषद गढ़वा के आश्रय गृह में किया था। इसके लिए उसने नगर परिषद के मिशन प्रबन्धक कौशल किशोर ठाकुर से परमिशन ली थी। आश्रय गृह के केयर टेकर में केवल चार आईडी प्रूफ लेकर 25 से अधिक लोगों को आश्रय गृह में रखा था।
धर्म परिवर्तन के रैकेट में सीआरपीएफ के जवान भी है शामिल
धर्म परिवर्तन को अंजाम देने के लिए आशुतोष ने बाहर से जिस विशेषज्ञ टीम को बुलाया था उसमें जी राजू नामक सीआरपीएफ के एक जवान भी शामिल था। आंध्रप्रदेश के रहने वाला जी राजू उत्तर प्रदेश के रामपुर के सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर में कार्यरत है। उसने बताया कि वह छुट्टी पर है और लोगों को सही मार्ग बताने गढ़वा आया है और सही मार्ग ईसाई धर्म का है।
धर्म परिवर्तन की ख़बर मिलते ग्रामीणों ने बिगाड़ी खेल
योजना के अनुसार बाहर से आये विशेषज्ञ आशुतोष आनंद के टंडवा स्थित आवास पर जुटे थे। आसपास के लोगों को सन्देह हुआ और इसकी छानबीन शुरू की। तब तक विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोग भी वहां पहुंच गए। देखते ही देखते वहां अफरा तफरी मच गई। धर्म परिवर्तन करने आये लोग वहां से भागने लगे। ग्रामीणों ने करीब 20 महिला-पुरुष को पकड़ लिया और थाने के हवाले कर दिया। पुलिस ने सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने घटना स्थल से कई ईसाई साहित्य और प्रचार सामग्री भी बरामद किया है।
एसपी के आदेश पर पुलिस कर रही है: केके साहू
गढ़वा थाना प्रभारी केके साहू ने कहा कि कुछ लोग हिरासत में लिए गए है। एसपी के आदेश से इस घटना की गहनता से जांच की जा रही है।
आश्रय गृह में रुकने की हो रही है जांच:कार्यपालक पदाधिकारी
गढ़वा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि बाहर से आये लोगों को आश्रय गृह में रुकने की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि मात्र चार आईडी प्रूफ पर 25 लोग वहां कैसे रुके इसकी पड़ताल की जा रही है।