कोडरमा। वनवासी और जंगली क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों का सब्र का बांध टूट रहा है। इनके सब्र का इम्तिहान ना ले प्रशासन। खासकर वन विभाग के पदाधिकारी ढिबरा मजदूरों के साथ कार्रवाई कर वाहवाही ना लूटे। वे ढिबरा मजदूरों पर कार्रवाई के नाम पर पेट पर लात मार रहें है। उक्त बातें ढिबरा स्क्रैप मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष कृष्णा सिंह घटवार ने कही है।
वहीं उन्होंने कहा कि पूर्व में इन्ही ढिबरा मजदूरों और वनवासी के सहयोग से जंगली क्षेत्र में प्रवेश कर सके है। मगर आज प्रशासन इनका ही रोजगार उजाड़ने पर लगा है। बाइक और टोटो-आटो में भी ढिबरा पकड़ कर कार्रवाई कर रही है। प्रशासन का रवैया तानाशाही हो गया है। कोडरमा में लाखों लोगों का जीवनयापन ढिबरा से चलता है। छोटे छोटे स्तर पर ढिबरा चुनकर जीवनयापन चलाते है, मगर प्रशासन इन्हें भी जेल भेज रही और कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि ढिबरा व्यापार को लेकर प्रशासन की कार्रवाई से आम जनमानस में आक्रोश बढ़ रहा है। कोडरमा में बेरोजगारी और गरीबी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में जंगली क्षेत्र में रहने वाले लोग ढिबरा चुनकर पेट पाल रहें है। लेकिन प्रशासन हजारों गरीबों के पेट पर लात मार रही है।
प्रशासन इन गरीबों के कारण ही जंगली क्षेत्र में अपना प्रभाव जमा पाई है, लेकिन अब प्रशासन इन्हें ही मिटाने का प्रयास कर रही है। प्रशासन ने छोटे स्तर पर ढिबरा खरीद बिक्री और परिवहन के मामले में कार्रवाई नही बंद की, तो लाखों ग्रामीण प्रशासन को सहयोग करना बंद कर देगी। उन्होंने प्रशासन से अपील किया की गरीबो को परेशान नही करें।