रांची। आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो ने बुधवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिलकर अपने विधानसभा क्षेत्र के ज्वलंत विषयों और राज्य हित से जुड़े गंभीर मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही उनसे इन सभी समस्याओं के समाधान की दिशा में शीघ्र पहल करने का आग्रह किया। उन्होंने राज्यपाल को मांगों से संबंधित एक ज्ञापन भी सौंपा।
उन्होंने राजभवन जाकर राज्यपाल से गोमिया में बनकर तैयार डिग्री महाविद्यालय का उद्घाटन करने और शैक्षणिक सत्र चालू सत्र से प्रारंभ करने का आग्रह किया। इसके साथ उन्होंने राज्य के सभी अंगीभूत महाविद्यालयों, जिनमें इंटर कला, विज्ञान व वाणिज्य संकाय में नामांकन लेने पर रोक लगाई के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया।
उन्होंने राज्यपाल को इस बात से अवगत कराया कि गोमिया प्रखंड के गोमिया एवं गुरुडीह पलीहारी पंचायत के सभी गांव को कोनार नदी से नए सिरे से इंटेक वेल, डब्ल्यूटीपी एवं पाइपलाइन बिछाते हुए नई ग्रामीण जलापूर्ति योजना स्वीकृति का प्रस्ताव एक अप्रैल 22 को डीएमएफटी बोकारो जिला के शासी निकाय द्वारा अनुमोदित किया गया है। इस योजना की प्रशासनिक स्वीकृति अतिशीघ्र डीएमएफटी मद या जल जीवन मिशन योजना के तहत कराने का आग्रह किया।
उन्होंने गोमिया प्रखंड के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र चतरो चट्टी थाना अंतर्गत गझंडी से हुरलुंग वाया चतरो चट्टी पथ का निर्माण एवं रजरप्पा से लेकर ललपनिया वाया बड़की पुन्नू पथ निर्माण कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति अविलंब कराने का पहल करने और राजकीय मध्य विद्यालय हुरलुंग उत्क्रमित मध्य विद्यालय में तब्दील करने हेतु आग्रह किया।
उन्होंने राज्यपाल को राज्य के खूंटी, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, पश्चिम सिंहभूम, दुमका एवं लातेहार जिला में जिला स्तरीय नौकरी में पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को शून्य कर दिया गया है, की जानकारी देते हुए उनसे राज्य सरकार के इस आदेश को निरस्त करते हुए उन जिलों में पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को सुनिश्चित करने और 23 नवंबर, 2004 को झारखंड सरकार के मंत्री परिषद द्वारा कुड़मी, तेली एवं घटवार को अनुसूचित जनजाति में शामिल कराने करने के निर्णय को जमीन पर उतारने साथ ही 11 नवंबर, 2022 को विधानसभा द्वारा पारित पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने एवं सरकार की वर्तमान 60-40 की नीति को रद्द करते हुए 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति से संबंधित विधेयक को राज्य में अविलंब लागू करने का मांग किया।