झुमरीतिलैया (कोडरमा)। नवरात्रि के शुभ अवसर पर झुमरीतिलैया के विभिन्न पूजा पंडालों और मंदिरों में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिला। सप्तमी से एकादशी तक शहर के अलग-अलग हिस्सों में सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। विशेष रूप से महिलाओं और युवतियों ने डांडिया और गरबा की धुनों पर थिरकते हुए श्रद्धालु भक्तों को मंत्रमुग्ध किया। साथ ही सांस्कृतिक संध्या, भक्ति जागरण और नृत्य-नाटिका जैसी प्रस्तुतियों ने धार्मिक उत्सव को और भी भव्य बना दिया।
महिलाओं की सहभागिता और भक्ति संगीत की धूम
झुमरीतिलैया सामंतो काली महिला मंडल ने नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान विभिन्न स्थलों पर भजन कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिसने भक्तों को देवी की आराधना में लीन कर दिया। वहीं श्री हनुमान संकीर्तन मंडल ने झंडा चैक स्थित दुर्गा मंदिर में देवी-देवताओं का भव्य दरबार सजाकर भजनों की प्रस्तुति दी, जिसे श्रद्धालुओं ने बड़े ही श्रद्धाभाव से सुना।
वहीं हनुमान मंदिर असनाबाद में श्याम मित्र मंडल द्वारा डांडिया का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं और युवाओं ने जोश और उमंग के साथ भाग लिया। इसके साथ ही गुमो में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न प्रस्तुति ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
नवदुर्गा अवतार व महिषासुर वध का मंचन: बच्चों की अद्वितीय प्रतिभा का किया प्रदर्शन
तारा तांड दुर्गा पूजा पंडाल में नौ कन्या अवतार और महिषासुर वध पर आधारित भव्य नाटक का मंचन किया गया। इस 20 मिनट की नाटिका में उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय तिलैया बस्ती के बच्चों ने अपने अभिनय और भक्ति भावना से दर्शकों का दिल जीत लिया। मां दुर्गा के रूप में देविका कुमारी, मां काली के रूप में प्रतिज्ञा कुमारी, महिषासुर के रूप में आयुष कुमार एवं भगवान ब्रम्हा के रूप में आर्यस कुमार सहित अन्य स्वरूपों में तैयार छात्राओं ने अपने अभिनय से अनूठी छाप छोड़ी। इसके अलावा, सत्यम शिवम सुंदरम पर देविका कुमारी की आकर्षक नृत्य प्रस्तुति ने उपस्थित श्रद्धालुओं को भक्ति में डूबने पर मजबूर कर गया।
वहीं आरुषि कुमारी, माही कुमारी व साक्षी कुमारी के द्वारा “मेरी मां के बराबर कोई नहीं“ गीत पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत की गई। इस पूरे कार्यक्रम की स्क्रिप्ट शिक्षक अमित कुमार के निर्देशन में तैयार की गई थी। वही बच्चों को नृत्य का अभ्यास नटराज कला केंद्र के निदेशक राजेश भदानी ने करवाया। सरकारी स्कूल के नन्हे बच्चों के कला की प्रस्तुति को लोगों ने काफी सराहना की।
भक्ति संध्या का आयोजन और प्रतिभाओं का सम्मान
आश्रम रोड स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में रविवार की रात भक्ति संध्या का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन पूर्व जिप अध्यक्ष शालिनी गुप्ता ने दीप प्रज्वलित कर किया। वहीं उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जिले में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बस उन्हें एक सही मंच देने की जरूरत है। इस भव्य कार्यक्रम में राजा चैरसिया, पवन कुमार, अनुराधा सिंह, और खुशबू सोनकर सहित अन्य कलाकारों ने एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी।
डांडिया प्रतियोगिता में विजेताओं को किया गया सम्मानित
स्टेशन काली मंदिर में नौ दिनों तक डांडिया का आयोजन किया गया। रविवार को आयोजित प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रिचा कुमारी, द्वितीय स्थान पर सोनम शर्मा और तृतीय स्थान पर श्वेता कुमारी रहीं। इन विजेताओं सहित 11 अन्य प्रतिभागियों को मां काली की तस्वीर देकर सम्मानित किया गया। मंच संचालन खुशी शर्मा ने किया और इस अवसर पर मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश मिश्रा, चंद्रशेखर जोशी, अजय उपाध्याय, संजय कुमार, भैरव प्रसाद, धनंजय उपाध्याय आदि सहित कई लोग मौजूद थे।
अड्डी बंगला दुर्गा पूजा मंडप में मां की विदाई
सोमवार को अड्डी बंगला दुर्गा पूजा मंडप में डांडिया कार्यक्रम के साथ मां दुर्गा की विदाई दी गई। इस अवसर पर पूजा रानी, सारिका गुप्ता, सीमा केशरी, अंजनी पंडित, कल्याणी गोस्वामी, अनुराधा गुप्ता, पूर्णिमा देवी, चन्द्राणी सरकार, सोमा सरकार, शर्मिष्ठा पाल, अनिता जोशी, रूपा राय, और तारा देवी सहित कई अन्य महिलाओं ने डांडिया में भाग लिया। श्रद्धालु भक्तों ने इस आयोजन का भरपूर आनंद लिया और मां दुर्गा को नम आंखों से विदाई दी।
पूजा पंडालों में भक्तों का तांता
झुमरीतिलैया शहर में 10 प्रमुख पूजा पंडाल स्थापित किए गए थे। हर पूजा समिति ने न केवल धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया, बल्कि जागरूकता अभियान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए समाज में सकारात्मक संदेश देने का भी प्रयास किया। इन पंडालों में भक्ति आरती, भजन, और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भक्तों के दिलों में देवी दुर्गा के प्रति श्रद्धा और भक्ति को और गहरा किया। सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति, महाराणा प्रताप चैक, अड्डी बंगला दुर्गा पूजा मंडप और अन्य पूजा स्थलों पर आयोजित कार्यक्रमों ने यह सिद्ध कर दिया कि कोडरमा की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक भावना अद्वितीय है।