रांची। खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाओं की बीते चार वर्षों की उपलब्धियों के बारे में सोमवार को विभागीय सचिव अमिताभ कौशल ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा को लेकर विभाग गंभीरता के साथ कार्य कर रहा है। राज्य की एक बड़ी आबादी को खाद्य सुरक्षा विभाग की विभिन्न स्कीमों से आच्छादित किया जा रहा है।
सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि विभाग योजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर विभिन्न स्तर पर कार्य कर रहा है। लोगों के पोषण की आवश्यकता को देखते राज्य सरकार द्वारा राज्य खाद्य सुरक्षा योजना स्वीकृत की गई है। इसके अंतर्गत लाभुकों को प्रति माह पांच किलोग्राम चावल उपलब्ध कराया जाता है। इस योजनान्तर्गत प्रारंभ में 15 लाख लाभुकों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 20 लाख कर दिया गया है। इस योजनान्तर्गत अबतक 33,16,489 लाभुक आच्छादित हुए हैं।
अमिताभ कौशल ने बताया कि किसानों से धान का क्रय सीधे करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने व्यापक व्यवस्था की है ताकि राज्य के किसानों को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त हो सके। राज्य सरकार द्वारा धान अधिप्राप्ति के लिए सभी जिलों में आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में धान अधिप्राप्ति केन्द्र खोले गये हैं। धान अधिप्राप्ति के लिए झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लि. को नोडल एजेंसी बनाया गया है। खरीफ विपणन मौसम 2023-24 में धान अधिप्राप्ति हेतु कुल 6.00 लाख एमटी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। खरीफ विपणन मौसम 2023-24 में भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रुपये प्रति क्लिंटल के अतिरिक्त 117 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों को उनके आय में वृद्धि एवं प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बोनस भुगतान का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि खरीफ विपणन मौसम 2023-24 से धान अधिप्राप्ति योजना अन्तर्गत न्यूनतम सीमा पैरामीटर (एमटीपी) के तहत बायोमेट्रिक आधारित खरीद (आधार आधारित अधिप्राति प्रणाली) लागू किया गया है, जिससे अधिप्राप्ति केन्द्रों (लैम्पस/पैक्स आदि) पर किसानों से धान क्रय के समय उनका बॉयोमीट्रिक प्राप्त करते हुए पहचान सुनिश्चित की जायेगी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 एवं झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना (जेएसएफएसएस) से आच्छादित 65,98,574 लाभुक परिवारों के बीच वर्ष में दो बार एक धोती, लुंगी तथा एक साड़ी रुपये 10/-प्रति वस्त्र की दर से धोती, लुंगी एवं साड़ी का वितरण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दो श्रेणियों यथा-अन्त्योदय परिवार (एएवाई) तथा पूर्वविक्ता प्राप्त गृहस्थ श्रेणी (पीएचएच) को नियमित रूप से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। पात्र गृहस्थ योजना के अन्तर्गत लाभुकों को पांच किलोग्राम खाद्यान्न प्रति सदस्य प्रतिमाह एवं अन्त्योदय अन्न योजना के अन्तर्गत लाभुक परिवार को 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति परिवार प्रतिमाह कराया जाता है। अधिनियम के तहत लाभुकों का आच्छादित किये जाने का लक्ष्य 2,64,25,385 है, जिसके विरुद्ध वर्तमान में शत प्रतिशत लाभुक आच्छादित हैं। भारत सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में एनएफएसए से आच्छादित लाभुकों को माह जनवरी, 2023 से मुफ्त में खाद्यान्न (चावल एवं गेहूं) उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री दाल-भात योजना के जरिये पूरे राज्य में सरकारी भोजन केन्द्र के माध्यम से राज्य के जरूरतमंदों दिहाड़ी मजदूर, गरीब, निर्धन एवं अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों को मात्र पांच रुपये के भुगतान पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान में 377 स्वीकृत नियमित दाल-भात केन्द्रों के माध्यम से जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।