कोडरमा। जिले में इन दिनों सरकारी कार्यों में अनियमितता बरते जाने की शिकायत लगातार मिल रही है एवं शिकायत मिलने पर जांच भी कराई जाती है, मगर नतीजा शून्य निकलता है। ताजा मामला जिला मुख्यालय से महज 3 से 4 किलोमीटर दूर स्थित पंचायत पांडेयडीह में (ग्रामीण कार्य विकास विभाग) आरईओ के द्वारा आरसीडी रोड से खैरीडीह आरईओ रोड भाया रतिथम्भाई तक करीब 3 किलोमीटर तक पथ निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जहां बुधवार को पथ निर्माण कार्य में संवेदक के द्वारा भारी अनियमितता बरतते हुए घटिया किस्म का गिट्टी, बालू एवं निम्न स्तर का सीमेंट उपयोग किए जाने पर स्थानीय ग्रामीण व मुखिया शबनम प्रवीण के द्वारा निर्माण में कार्य रोका गया, वहीं इस मामले की जानकारी एवं लिखित शिकायत लेकर जब उपायुक्त मेघा भारद्वाज से मिलने जिला मुख्यालय पहुंची, तब तक संवेदक द्वारा पथ निर्माण कार्य में अनियमितता बरतते हुए कार्य को पुनः चालू कर दिया गया।
हालांकि इसकी सूचना मिलते ही विभाग के जेई शैलेश कुमार निर्माण कार्यस्थल पर पहुंचे और फिर लिपापोती चालू हुआ और पथ निर्माण कार्य भी। दूसरी ओर उपायुक्त की गैर मौजूदगी में मुखिया के द्वारा आवेदन कार्यालय में जमा किया गया व इसकी शिकायत ग्रामीण में कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता से की गई और उन्हें पूरे मामले की जानकारी देते हुए कार्य गुणवत्तापूर्ण करने की मांग की। मुखिया ने सौंपा गया आवेदन ग्रामीणों के द्वारा दिए गए आवेदन में बताया गया है, कि संवेदक रामस्वरूप साव के द्वारा घटिया किस्म का सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है, वहीं जहां गार्डवाल की आवश्यकता है, वहां गार्डवाल न बनाकर अन्य जगह पर जैसे तैसे गार्डवाल बना दिया गया है।
उक्त कार्य की प्राक्कलित राशी 1 करोड़ 62 लाख है, जो संवेदक एवं संबंधित विभाग की मिली भगत से बढ़ा चढ़ाकर बनाया गया है, जिसकी उचित जांच कराने की मांग की है। वहीं संवेदक द्वारा अपनी गड़बड़ी छुपाने के उद्देश्य से योजना स्थल पर पथ निर्माण से सम्बंधित योजना बोर्ड व निर्माण कार्य बोर्ड तक नहीं लगाया गया है। वहीं सभी ग्रामीणों ने कहा कि संवेदक को स्टीमेट के अनुरूप कार्य करने के लिए कहा जाता है, तो संवेदक गुंडे द्वारा मारपीट करने व झूठे मुकदमे में फंसाने कि धमकी दी जाती है।